आरएमओ ने कंपनी पर पैनल्टी लगाने को भी कहा, शीघ्र टेंडर जारी कर लिफ्ट लगाने वाली कंपनी को ही देंगे ठेका
उज्जैन, अग्निपथ। शनिवार को चरक अस्पताल में आउटसोर्स द्वारा संचालित लिफ्ट का दरवाजे का लॉक लग जाने के कारण एक युवक करीब एक घंटे तक फंसा रहा। हालांकि चरक अस्पताल की आरएमओ डॉ. निधि जैन ने केवल पांच मिनट युवक के फंसे रहने की बात दैनिक अग्निपथ के साथ साझा की है। लेकिन यह मामला बड़ा होने के कारण अब लिफ्ट लगाने वाली कंपनी को ही टेंडर दिया जाएगा।
शुक्रवार दोपहर अस्पताल की 9 नंबर लिफ्ट का दरवाजा लॉक होने से युवक मंजूर एहमद निवासी खंदार मोहल्ला 1 घंटे तक फंसा रहा। उसने अपने दोस्त को फोन पर सूचना दी। मंजूर एहमद को हजयात्रियों के वैक्सीनेशन की डायरी सीएमएचओ कार्यालय से लेना थी। सीएमएचओ कार्यालय 6 टी मंजिल पर है। वहां जाने के लिये लिफ्ट के पास पहुंचा तो लिफ्टमैन ने कहा इस लिफ्ट से नहीं जा सकते।
स्टाफ के 6टी मंजिल पर जाने हेतु 9 नंबर लिफ्ट से जाओ। वह 9 नंबर लिफ्ट के अंदर गया और 6 नंबर का बटन दबाया। लिफ्ट का गेट लॉक हुआ लेकिन लिफ्ट चली नहीं। कुछ देर इंतजार किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। लिफ्ट में लगे इमरजेंसी सायरन, कॉलिंग कॉलिंग भी बंद थे। 15 मिनिट बाद घबराहट होने लगी। सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। लिफ्ट का दरवाजा बजाया, शोर भी मचाया, लेकिन किसी ने नहीं सुना। बेहोशी भी छाने लगी थी। तभी उसने दोस्त अस्पताल कर्मचारी दीपक लश्करी को कॉल किया। फोन के बाद वह चरक अस्पताल आया। और सरिये से दरवाजा खोलकर उसे बाहर निकाला।
आरएमओ ने कहा- केवल पांच मिनट फंसा रहा
चरक अस्प्ताल की आरएमओ डॉ. निधि जैन ने बताया कि एक घंटा तो लिफ्ट में फंसा रहना बड़ी बात है। मुझे जानकारी लगी है कि वह युवक केवल पांच मिनट लिफ्ट में फंसा रहा था। लेकिन इसको भी बड़ी घटना मानते हुए ठेका बदलने की कार्रवाई की जाएगी। जिसका ठेका है। उसके उपर पैनल्टी लगाई जाएगी। पहले भी उस पर पैनल्टी लगाई जा चुकी है। अब उसी कंपनी को ठेका दिया जाएगा जिस कंपनी की लिफ्ट है। शीघ्र ही लिफ्ट के टेंडर आमंत्रित किये जाएंगे। उनका यह भी कहना है कि 8 लिफ्ट में से दो कोरोना के लिये इंगेज हैं। एक कचरा ले जाने की है। बाकी 5 लिफ्टों का संचालन हो रहा है।