सिविल सर्जन ने स्पष्टीकरण मांगा, एक दिन का वेतन काटने की चेतावनी
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल की सेहत दुरुस्त करने के लिये सिविल सर्जन ने जब ओपीडी का निरीक्षण किया तो आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी से नदारद मिले। सभी को सिविल सर्जन ने शोकॉज नोटिस जारी किया है। जिसमें स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। अन्यथा एक दिन का वेतन काटने की चेतावनी दी गई है।
गुरुवार को दोपहर 1 बजे सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा ने रूटीन तौर पर जब ओपीडी का दौरा किया तो यहां से डॉ. पंकज टांक, डॉ. अनिल कंडारदिया, डॉ. संजय राणा, डॉ. सुमित गुप्ता, डॉ. भगनानी, डॉ जमनानी और डॉ. विजय मरमट अपनी ड्यूटी स्थल से नदारद मिले। जिस पर सिविल सर्जन डॉ. वर्मा ने सातों डॉक्टर्स को शोकॉज नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा है। स्पष्टीकरण नहीं देने की स्थिति में उनका एक दिन का वेतन काटने की चेतावनी दी गई है।
सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक ड्यूटी
स्वास्थ्य विभाग के आदेश अनुसार सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक और शाम को 5 से 6 बजे तक अस्पताल खोले रखने और डॉक्टर्स की उपस्थिति के निर्देश दिये गये हैं। लेकिन कई डॉक्टर्स नियत समय से पहले ही अपनी क्लिनिक और आवश्यक काम के लिये रवाना हो जाते हैं। ऐसे में इलाज करवाने आये मरीजों को वापस दूसरे दिन मर्ज दिखाने आना पड़ता है। गंभीर स्थिति में डॉक्टर्स का अनुपस्थित रहना मरीज की जान पर खतरा भी बन जाता है। ऐसे में सिविल सर्जन डॉ. वर्मा समय समय पर ओपीडी का निरीक्षण करते रहते हैं।
कर्मचारियों की भी ली जाए सुध
जिला, माधव नगर और चरक अस्पताल में ऐसे कई कर्मचारी कार्यरत हैं, जोकि अपनी ड्यूटी समय से पूर्व ही कर्तव्य स्थल से नदारद हो जाते हैं। बीच बीच में ये चाय पान करने सहित आवश्यक काम निपटाने के लिये भी आते जाते रहते हैं। डॉक्टर्स तो सीधे तौर पर अनुपस्थित नजर आ जाते हैं, लेकिन ऐसे कर्मचारियों का क्या जोकि दूसरे पर अपना काम थोपकर आनंद के क्षण बिताते हैं। प्रभारियों से मधुर संबंध होने का फायदा भी इनको मिलता है।
कुछ डॉक्टर्स को शोकॉज नोटिस जारी किये गये हंै। – डॉ. भोजराज शर्मा, आरएमओ जिला अस्पताल