उज्जैन, अग्निपथ। जूना अखाड़े के साधु संतों ने नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, एवं सामुदायिक भवन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। उस जमीन पर संतों के लिए उपयोग करने के स्थान पर अवैध रूप से होटल बनाकर अपवित्र काम कराए जा रहे हैं।
उक्त आरोप स्थानीय रहवासी एवं सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप राव गोरकर (दिल्लू पहलवान) ने पत्रकारवार्ता में लगाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय रहवासियों ने मंदिर के विकसित किया है। यहां के रहवासियों ने मंदिर परिसर में सांसद, विधायक, और क्षेत्रीय रहवासियों के सहयोग से सामुदायिक भवन का निर्मा किया था। जिसका संचालन स्थानीय समिति के द्वारा किया जाता था। स्थानीय लोगों को न्यूनतम किराए पर बर्तन आदि उपलब्ध कराए जाते थे। परन्तु जूना अखाड़े से जुड़े साध संतों ने कूटरचित और जाली दस्तावेजों के माध्यम से तहसीलदार उज्जैन के समक्ष आवेदन करके अपने पक्ष में आदेश पारित करवा कर कब्जा ले लिया है।
इसके खिलाफ कोर्ट में आवेदन किया जा रहा है। साथ ही प्रशासन से आग्रह है कि वह हिंदू समाज के लोगों को नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर एवं सामुदायिक भवन का कब्जा नागरिकों को दिलवाए। जूना अखाड़े के संतों द्वारा जो शिवांगी होटल अवैध रुप से चलाया जा रहा है। उसे बंद करके श्याम गृह निर्माण समिति की जमीन को वैवाहिक गार्डन को बंद करवाकर संस्था को दिलवाने के लिए कार्रवाई करे। इस दौरान कांग्रेस नेता अशोक शर्मा, मनोहर भालेराव आदि मौजूद थे।
शिवांजलि होटल में परोसी जाती है शराब
दिल्लू पहलवान ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवाजंलि होटल में शराब परोसी जाती है। नई उमर के लडक़े और लड़कियों को अवैध कार्य करने के लिए दिया जाता है। इसका मनमाना किराया लिया जाता है। शराब की बोतलों को होटल से लगी गुप्त गंगा सागर में फेंका जाता है और उसे अपवित्र किया जाता है। होटल और गार्डन का संचालन राहुल जैन कटारिया और गोविंद सोलंकी करते हैं।
संस्था की जमीन पर अवैध कब्जा : भालेराव
पत्रकारवार्ता में श्याम गृहनिर्माण सहकारी संस्था के मनोहर भालेवराव ने कहा कि उनकी संस्था की जमीन पर संतों का कब्जा है। इस जमीन पर होटल और गार्डन बनाकर व्यवसायिक गतिविधियां की संचालित की जा रही है। संस्था कोर्ट और प्रशासन के समक्ष शिकायत दर्ज करवा चुकी है। कानूनी तरीके से हम संघर्ष कर सकते हैं। किसी के साथ सडक़ पर नहीं लड़ सकते हैं। संतों और इनसे जुड़े लोगों से संस्था की जमीन को खाली करने की बात कही गई है। परन्तु वे लड़ाई झगड़ा करने लगते हैं।