उज्जैन, अग्निपथ। हरसिद्धि मंदिर परिसर में स्थित दीपमालिका में करीब दो माह पूर्व दोपहर के समय अचानक आग लग गई थी। भीषण अग्निकांड में दीपस्तंभ के एक दर्जन से अधिक दीपक क्षतिग्रस्त हो गए थे। लंबी प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद मंदिर प्रशासन ने दीपमालिका के संधारण हेतु राजस्थान के कारीगरों को उज्जैन बुलाया है।
मंदिर प्रबंधक अवधेश जोशी ने बताया कि कारीगरों द्वारा क्षतिग्रस्त दीप स्तंभ के आसपास मचान बांधकर कार्य किया जा रहा है। यह कारीगर क्षतिग्रस्त पत्थरों को निकालने के बाद उसी स्थान पर पत्थर पर उंकेरे गए दीपकों को लगाएंगे। इस संपूर्ण प्रक्रिया में मजबूती का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
क्योंकि दीपमालिका प्रज्जवलित करने वाले कलाकार दीप स्तंभ के दीपों पर चढक़र ही उनमें तेल भरकर बाती रखते हैं। जिसके बाद उन्हें प्रज्जवलित किया जाता है। इस प्रक्रिया में उन्हें प्रतिदिन दो से तीन बार दीपों पर चढऩा पड़ता है। थोड़ी सी लापरवाही में किसी की जान पर बन सकती है।
दो महीने पहले अचानक लगी थी आग
मंदिर में 27 अप्रैल 2023 को दीपमालिका में अचानक लगी आग से कई दीपक खंडित हो गए थे। राजस्थान के कारीगरों द्वारा टूटे दीपकों को वापस बनाने का काम शुरू कर दिया है। दीपमालिका के दीपक टूटने के कारण इतने दिनों से हरसिद्धि में दीप प्रज्जवलन भी नहीं हो सके।