नलखेड़ा, अग्निपथ। आधार कार्ड में कपटपूर्वक फर्जी तरीके से कूट रचना करने वाले अभियुक्त को अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार वर्मा सुसनेर ने 02 साल के सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया।
एडीपीओ पवन सोलंकी, सुसनेर ने बताया कि फरियादी ने थाना नलखेडा में आवेदिका पेपूबाई ने 2 जनवरी 2019 को एक शिकायत आवेदन अभियुक्त के विरूद्व फर्जी तरीके से पिता का नाम बदलकर शासन की योजनाओं का लाभ लेने के संबंध में दिया था। जांच के दौरान आवेदिका पेपूबाई साक्षी कंवरलाल, रोडूलाल, नारायण के विस्तृत कथन लिए जाने पर यह पाया गया कि प्रभुलाल रोडू ,कंवरलाल तीन सगे भाई हैं। इनके पिता हीरालाल थे हीरालाल के दो भाई भंवर जी व जगन्नाथ थे।
जिसमें से भंवरजी की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी और उनकी कोई संतान नही थी। जगन्नाथ को एक लडका अमरसिंह था जिसकी भी मृत्यु हो गई थी। उसकी पत्नी पेपूबाई व लडका बजरंग मौजूद है। प्रभुलाल ने योजनाओं का लाभ पाने के लिए उसके पिता हीरालाल के नाम की जगह भंवरलाल करवाया तथा 26 मई 2019 को प्रभुलाल ने कूट रचना कर भंवरजी के हिस्से की करीबन 25 बीघा भूमि भंवरजी की संतान बताकर अपने नाम करवा ली।
प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 नलखेडा के सिविल प्रकरण क्रमांक 28ए/12 दिनाक 31/10/18 के आदेश के फैसले व अपर जिला न्यायाधीश सुसनेर के सीएमडबल्यू 303/19 दिनांक 11/3/19 के आदेश/फैसले में भी अनावेदक प्रभुलाल केा भंवरलाल का पुत्र न मानकर हीरालाल का ही पुत्र माना गया है। जो फर्जी तरीके से समग्र आई डी क्र 108725401 व वोटर लिस्ट के नंबर 398 में प्रभुलाल पिता हीरालाल नि कोटडी ही लेख है।
आवेदन पत्र की संपूर्ण जांच एवं न्यायालय के आदेश की प्रमाणित प्रतियां व कथनों से अनावेदक प्रभुलाल पिता हीरालाल नि कोटडी हा.मु. फेंटी नलखेडा के विरूद्व प्रथम दृष्टया 420 भारतीय दण्ड विधान का अपराध पायें जाने से प्रभुलाल पिता हीरालाल भील के विरूद्व अपराध क्रमांक 152/19 धारा 420 भारतीय दण्ड विधान के अंतर्गत पंजीबद्व कर प्रकरण विवेचना में लिया गया।
एजीपी मुकेश जैन चौधरी के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय ने अभियुक्त को धारा 419 भादवि के तहत 2 साल का सश्रम कारावास व 3000 रूपयें अर्थदंड किया अर्थदण्ड जमा ने करने पर 1 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा। वहीं धारा 465 भादवि में भी 2 साल का सश्रम कारावास व 2000 रूपयें अर्थदण्ड दिया गया। उक्त सभी सजायें एक साथ भुगतायी जायेगीं। प्रकरण में महत्वपूर्ण सहयोग कोर्ट मोर्हरिर आशीष सोनी एवं तत्कालीन थाना मुंशी नलखेडा जीतेंद्र सिंह राजपूत, सहायक ग्रेड कृष्णकांत अग्रवाल द्वारा किया गया।