उज्जैन, अग्निपथ। शहर के छह झोन में अब हर दिन अफसर बैठकर लोगों की समस्याओँ का निराकरण करेंगे। पहले तीन दिन बैठने की व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है।
यह जानकारी महापौर मुकेश टटवाल ने देते हुए बताया कि बुधवार को झोन अध्यक्ष और एमआईसी के सदस्यों के अलावा अफसरों की बैठक भी ली गई थी। इस दौरान झोन में काम करने वाले अफसरों को कहा गया कि वे प्रत्येक दिन 10 से 12 बजे तक झोन में बैठे। ताकि जनता को समस्या के लिए परेशान न होना पड़े। इससे पहले सप्ताह में तीन दिन बैठने के निर्देश दिए गए थे।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों से कहा गया है कि वे पेंडिंग काम को निपटाए। एमआईसी के सदस्यों से कहा गया है कि वे अपना 100 प्रतिशत दें। ताकि जनता को लाभ मिले और दिखे कि एमआईसी के सदस्य काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केडी गेट से इमली चौराहे तक चौड़ीकरण में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। यह हो सकता है कि आज किसी के निर्माण टूट जाए और दो दिन बाद किसी और नागरिक का। 413 लोगों के नाम चिन्हित हैं। सभी के हिस्से तोड़े जाएंगे।
80 लाख का बिजली बिल कहां से आया
उन्होंने कहा कि प्रदीप मिश्रा की कथा में 80 लाख के भुगतान की बात कहां से आई है। मुझे इसकी जानकारी नहीं है। इतनी बिजली जली ही नहीं है। इसी तरह से 80 लाख की बिजली शिव ज्योति अपर्मण में कहां जली इसकी जानकारी मुझे नहीं है। न ही ऐसा कोई भुगतान किया जाएगा।
जनता के पैसे की बिजली का बिल करेंगे भुगतान
इस मामले में प्रतिपक्ष नेता रवि राय का कहना है कि प्रदीप मिश्रा जी की कथा उनके भक्तों ने कराई थी। निगम से कोई खर्च नहीं किया जाना था। अब पैसा दे रहे हैं तो जनता की बिजली काटकर दिया जा रहा होगा। इसी तरह से शिव ज्योति अपर्मण में 80 लाख बिजली का खर्च जोड़ा गया है। दोनों मदो की जांच कांग्रेस की सरकार आएगी। तो कराई जाएगी और इसकी वसूली भी कराई जाएगी। जबकि 1.81 की स्वीकृति आई थी। 2 करोड़ से ज्यादा का बिल कहां से और किसने किया इसकी जांच होनी चाहिए।
मैंने किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और न ही बिल पास किए हैं। इस तरह के मामले की चर्चा हो रही थी। मैंने कह दिया कि नया विभाग मेरे पास आया है। देखने के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा।
-दुर्गा चौधरी, प्रभारी विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग उज्जैन नगर निगम