नलखेड़ा, अग्निपथ। शासन द्वारा किसानों के लिए जारी की गई राहत राशि किसानों के खाते की बजाया अन्य लोगों के खाते में डालने के मामले का ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद कलेक्टर कैलाश वानखेड़े द्वारा नलखेड़ा तहसील के 3 पटवारियों को निलंबित किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नलखेड़ा क्षेत्र में शासन द्वारा 2021-22 में किसानों को प्राकृतिक आपदा से निपटने हेतु राहत राशि जारी की गई थी उक्त राहत राशि नलखेड़ा तहसील के पटवारी पवन कुशवाह, राहुल धाकड़ एवं मदनलाल सूर्यवंशी द्वारा किसानों के खाते में राशि ना डालते हुए अन्य लोगों के खातो में जमा कराने के मामले का ऑडिट रिपोर्ट में गंभीर अनियमितता का खुलासा होने के बाद प्रदेश के राहत आयुक्त ने मामला संज्ञान में लिया था।
उक्त मामला प्रदेश के राहत आयुक्त के संज्ञान में आने के बाद जिला कलेक्टर कैलाश वानखेड़े ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन किए जाने पर नलखेड़ा तहसील के पटवारी पवन कुशवाह राहुल धाकड़ एवं मदनलाल सूर्यवंशी को निलंबित किया जाकर पदेन अधिकारी तहसीलदार बड़ोद को जांच अधिकारी एवं रिपोर्ट प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नायब तहसीलदार पदेन तहसील नलखेड़ा को नियुक्त किया गया है। वही उक्त निलंबित तीनों पटवारियों का मुख्यालय तहसील कार्यालय आगर रहेगा।
राजस्व विभाग की भूमिका हमेशा रही चर्चा में
नलखेड़ा तहसील क्षेत्र में राजस्व विभाग हमेशा ही सुर्खियों में रहा है चाहे शासकीय भूमियो पर अतिक्रमण करने वाले लोगों को संरक्षण प्रदान करने या शासकीय भूमि को निजी करने और जमीन से संबंधित कई मामले ऐसे हैं जहां राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है।
पटवारियों द्वारा नामांतरण के नाम पर मांगे जा रहे हैं हजारों रुपए
तहसील क्षेत्र में राजस्व विभाग के पटवारियों की हालत यह है कि चाहे जमीन या मकान के नामंत्रण करने के नाम पर रिश्वत के हजारों रुपए मांगे जाते हैं संबंधित द्वारा रुपए नहीं देने पर उनको तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं या फिर येन केन प्रकरण उनका नामंत्रण निरस्त कर दिया जाता है।
कुंडालिया डैम परियोजना में हुई जमकर बंदरबांट
आगर एवं राजगढ़ जिले की सीमा पर कालीसिंध नदी पर निर्माण हुए कुंडालिया डैम परियोजना में भी राजस्व विभाग द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की भूमिका चर्चा में रही मैं रही। उक्त परियोजना के दौरान भू अर्जन एवं राहत राशि वितरण में संबंधित पटवारियों द्वारा गड़बड़ी के मामले उजागर हो चुके हैं लेकिन किसी भी मामले में संबंधित अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ नहीं की गई।
जिसके चलते कुंडालिया डैम परियोजना के कई मामले न्यायालयों में विचाराधीन है अगर प्रदेश सरकार उक्त परियोजना में हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच करे तो प्रदेश का यह सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा। इस संबंध में एसडीएम किरण वरवड़े का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।