चार चश्मदीद बयान से मुकरे, बेटे को बताई घटना से हुई सजा
उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर रोड पर दो साल पहले एक व्यक्ति की तलवार से गर्दन काटने के केस में शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। इस जघन्य हत्याकांड में न्यायालय ने हत्यारे को उम्रकैद की सजा सुनाई है। खास बात यह है कि केस में चार चश्मदीद गवाह के बयान से मुकरने के बाद भी दोषी को सजा हुई है।
ग्राम कोकिला खेड़ी निवासी सुमेरसिंह सिंह का ग्राम छायन में विधवा कृष्णाबाई के यहां आना जाना था। उसके देवर विष्णु प्रजापत को यह बात पंसद नहीं थी। नतीजतन २५ जून को सुमेरसिंह कृष्णा बाई के यहां से लौटते हुए विष्णु की दुकान पर पाऊच लेकर अपनी बाइक तक जा रहे थे। इसी दौरान विष्णु ने तलवार से उनकी गर्दन पर हमला कर दिया। पता चलते ही मौके पर पहुंचे पुत्र भानू (२३)को घायल सुमेर ने विष्णु द्वारा हमला करने की बात बताई। तत्पश्चात भानू उन्हें हॉस्पीटल ले गया,जहां डाक्टर्स ने मृत घोषित करने पर नानाखेड़ा पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया।
मामले में अब तक की सुनवाई के बाद अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार चंदेल ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। उन्होंने सुमेर की हत्या की चश्मदीद गवाह कृष्णा बाई उसके पुत्र पंकज, राजपाल व बेटी रंजना द्वारा हत्या के समय दिए बयान से पलटने बाद भी विष्णु को उम्रकैद की सजा सुना दी।
तटस्थ गवाह व पुत्र के बयान पर फैसला: प्रकरण में शासन का पक्ष सहायक जिला अभियोजक मुकेश कुन्हारे ने बताया कि केस में एक गवाह तटस्थ रहा,जबकि मृतक के पुत्र फरियादी भानू अपनी बात पर कायम रहा। उसने बताया कि सुमेर ने घायल हालत में उसे विष्णु द्वारा तलवार मारना बताया था। कोर्ट ने इसे मृत्यु पूर्व बयान मानते हुए फैसला सुनाया है।