उपद्रव और लाठीचार्ज की जांच के आदेश, 250 कार्यकर्ताओं पर भी केस चलेगा
इंदौर, अग्निपथ। इंदौर में गुरुवार रात पलासिया थाने के सामने प्रदर्शन कर रहे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। करीब 15 लोगों को हिरासत में लिया था। मेडिकल के बाद शुक्रवार अल सुबह छोड़ दिया गया। इस बीच सरकार ने बीजेपी नेताओं की दखल के बाद अफसरों पर एक्शन लिया है। जोन क्रमांक 3 के डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया और पलासिया थाना इंचार्ज संजय बैस को पद से हटा दिया है।
आईपीएस भदौरिया को आरएपीटीसी इंदौर का सेनानी बनाकर भेजा है जबकि बैस को लाइन में अटैच किया गया है। पूरे घटनाक्रम की भोपाल से एडीजी लेवल के अफसर आकर जांच करेंगे और सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे। दूसरी, पुलिस ने उपद्रव को लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर धारा 147 यानी बलवा और 332 यानी सरकारी कर्मचारियों पर हमले का केस दर्ज किया है। इनमें 250 कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है। गिरफ्तारी को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है।
गुरुवार रात को इंदौर में पब कल्चर और नशे के विरोध में बजरंग दल ने पलासिया थाने के पास प्रदर्शन शुरू किया था। वे सडक़ पर जाकर बैठ गए थे, इससे रोड जाम हो गया। पुलिस ने समझाइश दी तो नहीं माने और कार्रवाई के लिए अड़ गए। इसके बाद एकाएक पुलिस ने कार्यकर्ताओं को इंदौर की सडक़ों पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। अफरातफरी के बीच कुछ कार्यकर्ता छप्पन दुकान की ओर भाग गए। यहां दुकानों पर पथराव कर दिया। वाहनों में तोड़-फोड़ कर दी।
हमले में चार पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। पुलिस ने यहीं से 15 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर रात को ही जिला जेल भेज दिया तो कार्यकर्ता जेल में ही भूख हड़ताल पर बैठ गए। उनसे कई नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे सहित कई भाजपा नेता मिलने पहुंच गए। पॉलिटिकल प्रेशर बनने के बाद कार्यकर्ताओं को जेल से मेडिकल के लिए देर रात 1 बजे अस्पताल लाया गया। यहां मेडिकल के बाद सभी को जमानत पर रिहा कर दिया है। प्रदर्शन के दौरान पलासिया पर रात में डेढ़ घंटे तक जाम लगा रहा।
शुक्रवार दिन में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सामने आए और क्षेत्रिय टीआई को हटाने का ऐलान किया। शाम होते-होते ही डीसीपी को भी हटा दिया गया।
भाजपा नेता बोले- पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए सीएम से बात की
लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तार बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से मिलने भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे सीआई जेल पहुंचे। रणदिवे का कहना है कि घटना को लेकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा की गई है।
शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना था, 500 कार्यकर्ता पहुंच गए
डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया का कहना है कि गुरुवार शाम साढ़े सात बजे बजरंग दल के लोगों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने और थाने में ज्ञापन देने की बात कही थी, लेकिन 500 कार्यकर्ता यहां इकट्ठा हो गए। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद कार्यकर्ता इधर-उधर भाग गए। छप्पन दुकान पर पहुंचे कुछ कार्यकर्ताओं ने दुकानों पर पथराव कर दिया। लोग पथराव से बचने के लिए भागते नजर आए। ड्यूटी कर रहे हेड कॉन्स्टेबल संदीप सिंह के सिर में चोट आई है। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है।
कार्रवाई नहीं होने तक भूख हड़ताल का दावा किया था
पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद के विभागीय मंत्री राजेश बिजवे, संगठन मंत्री तन्नु शर्मा सहित कई पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर जिला जेल भेज दिया था। राजेश बिजवे ने आरोप लगाया कि वे लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बिना कारण लाठीचार्ज कर दिया। जब तक पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक जेल में भूख हड़ताल की है। हालांकि शुक्रवार अलसुबह 4 बजे कार्यकर्ताओं को मेडिकल के लिए अस्पताल लाया गए वही सभी से कोरे कागज पर साइन करवाकर छोड़ दिया गया है। हालांकि अभी तक किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है। मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में लाया गया है।
कांग्रेस ने बजरंग दल पर उठाए सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केके मिश्रा ने कहा कि कर्नाटक में जब कांग्रेस ने बजरंग दल पर पाबंदी लगाने की बात की थी तो एमपी के सीएम शिवराज की निगाह में इससे जुड़े लोग राष्ट्रवादी थे क्या? आज इंदौर में आपकी ही सरकार में इन कथित राष्ट्रवादियों की जबरदस्त धुनाई हुई, तब के राष्ट्रवादी आज गुंडे कैसे बन गए।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों का हुआ मेडिकल
पुलिस ने देर रात पथराव के बाद बजरंग दल के 15 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इनका मेडिकल कराया गया है। इसके साथ पलासिया और तुकोगंज थाने के दो-दो पुलिसकर्मियों सन्दीप, सत्यनारायण, भागचंद और कमलेश को भी पथराव और भगदड़ में चोट लगी थी। उनका भी मेडिकल कराया गया है।