इंदौर में बैंड-बाजे वाले बरातियों के हिसाब से नहीं चलेंगे

न भीड़ वाले इलाके में रोका जाएगा, ट्रेफिक मैनेजमेंट के लिए एक अलग व्यक्ति रखना अनिवार्य

इंदौर, अग्निपथ। बारात, जुलूस या किसी भी चल समारोह में अब लोग बैंड कलाकारों को अपनी मनमर्जी से बैंड रोक कर डांस करने, घोड़े को नचाने के लिए बाध्य नहीं कर पाएंगे। लम्बे समय से बारात के कारण ट्रैफिक जाम होने, विवाद होने आदि को देखते हुए मप्र बैंड एसोसिएशन ने इसके लिए पांच बिंदुओं पर एक नीति तैयारी की है। इस नीति से प्रदेश भर के बैंड संचालकों को भेजा है। बारात में अब बैंड के साथ एक व्यक्ति अलग से होगा जो रास्ते भर बारात के साथ ट्रैफिक व्यवस्था संभालेगा।

बैंड संचालकों और बारातियों के लिए ये नई गाइडलाइन

  • हर बैंड में कलाकारों के अलावा बारात में एक व्यक्ति ऐक्स्ट्रा रखेगा। उसका काम यह रहेगा कि बारात के कारण कहीं ट्रैफिक जाम न हो। इसके लिए रास्ते भर वह बारात के साथ ट्रैफिक संभालेगा। भीड़ वाले या प्रतिबंधित रास्तों पर बारात को जाने से रोकेगा।
  • बैंड कलाकार किसी भी बाराती के कहने पर किसी भी भीड़भाड़ वाले मार्ग पर बैंड नहीं रोकेगा।
  • बारातियों द्वारा कई बार नाचने के लिए जबरदस्त दबाव बनाया जाता है। कई बार नशे में धुत बाराती बैंड कलाकारों से विवाद करते हैं। ऐसे में कलाकार किसी भी हालत में वहां बैंड नहीं रोकेंगे और पुलिस को या अध्यक्ष को इसकी सूचना देंगे।
  • विवाद की स्थिति में कई बार संबंधित पक्ष बैंड की बकाया राशि नहीं देते। ऐसे में इसकी जिम्मेदारी एसोसिएशन की होगी कि संबंधित बैंड संचालक का नुकसान न हो।
  • बैंड का साउंड तय नियम अनुसार ही रखा जाएगा। कई बार शिकायतें मिली हैं कि बारात में शामिल बुजुर्गों या राहगीरों को तेज साउंड से परेशानी होती है। इसके चलते किसी भी हालत में तेज आवाज में बैंड नहीं बजाया जाएगा।

इसलिए पड़ी जरूरत

एसोसिएशन के अध्यक्ष सलाम अब्दुल नौशाद ने बताया कि इंदौर में एसोसिएशन के 280 बैंड संचालक सदस्य हैं। पिछले दिनों बैठक में फीडबैक मिला कि बारातियों द्वारा भारी ट्रैफिक के दौरान भी सडक़ पर नाचने के लिए बैंड को रोकने का दबाव बनाया जाता है। ऐसे में ट्रैफिक प्रभावित होता है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

दूसरा यह कि बारातियों द्वारा मैरिज गार्डन या धर्मशाला के बाहर भी नाचने के लिए काफी देर तक बैंड को रोका जाता है। ऐसे ही पटाखों का दौर चलता है, जिससे घोड़ी को भी परेशानी होती है। इसके अलावा मनमाने गाने बजाने सहित कई मामले ऐसे होते हैं जिसके कारण विवाद की स्थिति बनती है। यह केवल इंदौर की नहीं बल्कि प्रदेश के सभी जिलों के बैंड संचालकों की परेशानी है। बता दें कि प्रदेश में दो लाख के ज्यादा बैंड संचालक हैं।

इंदौर बैण्ड महासंघ समिति के उपाध्यक्ष केशव कामले ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय चौराहा (बापट), विजय नगर चौराहा, सत्यसांई चौराहा सहित कई ऐसे चौराहे हैं जहां अकसर जाम लगता है। इसके बावजूद जब बारात निकलती है तो बाराती सुनने को राजी नहीं होते। नतीजन वाहन चालकों को परेशानी होती है, तो कई बार पुलिस को उन्हें बलपूर्वक हटाना पड़ता है। यह गंभीर मामला है और इसे देखते हुए पिछले हफ्ते एसोसिएशन की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें कुछ पॉइंट तय किए गए हैं।

Next Post

बजरंगदल कार्यकर्ता पिटाई केस: टीआई के बाद डीसीपी को भी हटाया

Fri Jun 16 , 2023
उपद्रव और लाठीचार्ज की जांच के आदेश, 250 कार्यकर्ताओं पर भी केस चलेगा इंदौर, अग्निपथ। इंदौर में गुरुवार रात पलासिया थाने के सामने प्रदर्शन कर रहे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। करीब 15 लोगों को हिरासत में लिया था। मेडिकल के बाद शुक्रवार अल […]