बडऩगर/रुनिजा,अग्निपथ। रुपयों व ज्वेलरी की चौरी के बारे में अक्सर खबरे सुनने व देखने को मिलती है। ऐसे में ज्वेलरी व हजारों रूपये से भरा पर्स मिल जाए तो उसका ईमान डगमगा सकता है। परन्तु ईमानदारी आज भी जिंदा है को सत्य साबित किया है तीन सहेलियों ने । रेलवे स्टेशन रुनिजा निवासी सिमरन अभिषेक राठौर अपनी दो सहेलियों प्राची नीलेश जायसवाल व संध्या पुष्पेन्द्रसिंह राठौर के साथ शॉपिंग करने रतलाम गए थे ।
उन्हें रास्ते में एक पर्स मिला। उन्होंने उसे खोल कर देखा तो 30 हजार रु नकदी व सोने की चेन व इयरिंग व चांदी की मोटी पायल थी। सिमरन अपनी दोनों सहेलियों के साथ बहुत देर तक वहीं खड़ी इंतजार करती रही कि शायद कोई तलाश करता हुआ यहाँ आएगा । लेकिन कोई नहीं आया । पर्स को सावधानी से चेक करने पर उसमे से एक आधार कार्ड निकला । उस आधार पर तीनों ने तलाश कर आखिर उस महिला को ढूंढ ही लिया। वह किरण नाम की बुजुर्ग महिला थी। जो अपने परिजन के दिल (हार्ट) के ऑपरेशन के लिए यह पैमेंट लेकर हॉस्पिटल जा रही थी, इसी दौरान जल्दबाजी में पर्स गिर गया।
जब किरण आई व उन्होंने पहचान बताई तो वह पर्स, राशि व गहने उन्हें लौटा दिए। अपनी रकम पाकर किरण की आंखों में आंसू आ गये व सिमरन व उनकी सहेलियों को बहुत बहुत धन्यवाद दिया। सिमरन, रुनिजा के पूर्व जनपद प्रतिनिधि ईश्वर मामा की पुत्र वधु है व प्राची रतलाम महिला जिला भाजपा की अध्यक्ष पद्मा दिनेश जायसवाल की पुत्र वधु है। सहेलियों के इस नेक कार्य के बारे में जिसने भी सुना उनके द्वारा भूरी – भूरी प्रशंसा की जा रहीं है।