चारों ओर चल रहे निर्माण कार्यों के कारण मंदिर आने-जाने के हर मार्ग पर ट्रैफिक जाम
15 दिन बाद शुरू हो जायेगा सावन, प्री-मानसून जोरदार बरस गया तो समेट नहीं पायेंगे अव्यवस्थाएं
उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर जाने के जितने भी मार्ग हैं, सभी निर्माण कार्यों के कारण अवरुद्ध हैं। दूसरी ओर महाकाल मंदिर मेें दिन-प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। 15 दिन बाद 4 जुलाई से सावन का महीना प्रारंभ हो जायेगा, उसके बाद से भीड़ का दबाव लगातार बढऩा है। लेकिन जिम्मेदार अव्यवस्थाओं को दूर करने की बजाय खुद की वाहवाही लूटने में व्यस्त हैं। हालात यह है कि मंदिर जाने वाले सभी मार्ग खुदे हुए हैं। वहां कोई न कोई निर्माण कार्य चल रहा है।
प्रमुख मार्ग खुदे होने के कारण बाहर से आने वाले यात्रियों के फोर व्हीलर वाहन यहां-वहां फंस रहे हैं और जिसका असर ट्रैफिक व्यवस्था पर होता है। जहां पर निर्माण कार्य चलने के कारण रास्ता बंद है, उन मार्गों पर फोर व्हीलर वाहन नहीं जाने देने की सलाह देने वाला भी कोई नहीं है। दिनभर मंदिर जाने वाले मार्गों पर वाहन फंस रहे हैं और ट्रैफिक जाम हो रहा है। जिस गति से निर्माण कार्य चल रहा है उसे देखकर लगता है, इस बार अव्यवस्था का आलम ज्यादा रहेगा।
जिम्मेदार यह सोचकर जगह-जगह निर्माण कार्य कर रहे हैं कि अभी मानसून 20-25 जून के बाद आयेगा, तब तक तो सब समेट लेंगे। सावन में भी समय है, सारी व्यवस्था कर लेंगे। लेकिन बारिश का कोई भरोसा नहीं है। अगर मानसून के पहले प्री मानसून जोरदार बरस गया तो जगह-जगह फैली अव्यवस्थाएं जिम्मेदार समेट नहीं पायेंगे और उसका सीधा-सीधा असर आगामी सावन माह की व्यवस्थाओं पर पड़ेगा।
देखिए क्या हाल हैं महाकाल मंदिर जाने वाले प्रमुख मार्गों के
महाकाल घाटी : यहां से सवारी भी निकलेगी
यह महाकाल घाटी वाला मार्ग जो महाकाल लोक बनने के पहले तक मंदिर जाने का प्रमुख मार्ग था। यहां पाइप लाइन डाली जा रही है। सडक़ पर लगे अच्छे-भले डामर को भी जेसीबी के पंजे से खोद कर उखाड़ दिया गया है। पाइप रास्ते में पड़े हैं। जगह-जगह उखड़े हुए डामर के ढेर लगे हैं। हम आपको बता दें कि इस मार्ग से ही भगवान महाकाल की सवारी भी निकलती है।
हरसिद्धि मार्ग : नहीं लगे हैं शेड
यह मार्ग बड़ा गणपति से हरसिद्धि चौराहे तक जाता है। हर साल सावन मेें यहां शेड लगा दिया जाता है ताकि धूप-बारिश से दर्शनार्थी बच सकें, क्योंकि मंदिर में प्रवेश के लिए यात्री यहीं से जाते हैं। यहां अभी तक शेड नहीं लगा है। दूसरी ओर पाइप लाइन डालने के लिए मार्ग भी खुदा हुआ है। सावन में इसी मार्ग पर सर्वाधिक दर्शनार्थियों का दबाव रहता है। यहां किसी का ध्यान नहीं है।
महाकाल लोक : चारधाम पार्किंग नहीं जा सकते
यह मार्ग हरिफाटक ब्रिज की चौथी भुजा से होता हुआ चारधाम पार्किंग तक पहुंचता है। मार्ग पुराना है और यहीं से फोर व्हीलर चारधाम पार्किंग तक पहुंचते हैं। यह मार्ग अब महाकाल लोक का हिस्सा बन चुका है और यहां से ही काफी संख्या में यात्रियों को चारधाम पार्किंग और महाकाल में प्रवेश कराने की तैयारी है। लेकिन यह मार्ग भी लंबे समय से बंद है। अभी-भी काम पूरा होने के आसार नहीं दिख रहे।
हरसिद्धि चौराहा: मुख्य मार्ग पर ही गड्ढा
यह है हरसिद्धि चौराहा। सर्वाधिक व्यस्ततम स्थान। क्योंकि यहां से ही दर्शन के लिए दर्शनार्थी महाकाल मंदिर जाने के लिए प्रवेश करते हैं। हालात देखिए चौराहा खुदा है। पेयजल पाइप लाइन भी तोड़ दी गई है। जिस कारण अन्नक्षेत्र, हरसिद्धि धर्मशाला सहित महाकाल मंदिर क्षेत्र में जलसंकट खड़ा हो गया है। यहां हादसा भी हो सकता है। क्योंकि चारधाम तक जाने वाला रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध है।
भारत माता मंदिर मार्ग: अभी भी बंद
यह मार्ग बेगमबाग के मकानों तोडक़र बनाया गया था। यहां से महाकाल लोक, भारत माता मंदिर और महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के कार्यालय, मंदिर का प्रवेश द्वार नंबर १, प्रोटोकाल कार्यालय आदि स्थानों पर पहुंचा जा सकता है। हालात आपके सामने हैं। निर्माणकार्य अभी-भी अधूरा है। सिर्फ वीआईपी फोर व्हीलर जा रहे हैं। शेष को अनुमति नहीं है।
आदर्श मार्ग : महीनों बाद भी अधूरा
यह आदर्श मार्ग है जो बेगमबाग मार्ग से सरस्वती शिशु मंदिर होता हुआ सीधा महाकाल पार्किंग तक पहुंचायेगा। इस मार्ग को लेकर प्रचारित किया जायेगा कि फरवरी-मार्च में पूरा हो जायेगा। स्थिति सामने है। न तो सडक़ पूरी बन पाई और न ही आदर्श बन पाई। यहां के रहवासी भी अधूरी सडक़ के कारण परेशान है। यह भी वीआईपी को मंदिर तक पहुंचाने का आसान मार्ग है, लेकिन निर्माण अधूरा है।