किसान की मौत के 4 साल बाद उसी को विक्रेता बता कर करवाई रजिस्ट्री

फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवाने वालों पर प्रकरण दर्ज

आगर मालवा, अग्निपथ। आगर जिले के नलखेड़ा के समीप बने कुंडालिया बांध में मुआवजा देने और लेने के मामले में फर्जीवाड़े किए जाने की कई शिकायतें सामने आई थी। लोगों ने मुआवजे की रकम लेने के लिए किस प्रकार कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। यह भी जानकारी कई बार सामने आई हैं। एक और बड़ा ताजा मामला सामने आई हैं।

जिस किसान की सन् 2006 में मृत्यु हो गई थी, चार साल बाद उसी किसान को विक्रेता बताकर जमीन की रजिस्ट्री करवा दी गई तथा कुंडालिया डेम बनने के बाद फर्जी रूप से 44 लाख रूपए का मुआवजा प्राप्त करने के भी प्रयास किए जाने लगें। किसान के परिजनों की तत्परता व जागरूक लोगों की मेहनत का परिणाम यह हुआ कि फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के विरूद्ध वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर थाना नलखेड़ा में प्रकरण दर्ज किया गया हैं।

दरअसल, नलखेड़ा के ग्राम कोटड़ी निवासी सोरम बाई द्वारा पिछले कई दिनों से शिकायत की जा रही थी कि आरोपित कालूराम पिता लक्ष्मीनारायण रातडिय़ा एवं उनकी पत्नी संतोष बाई रातडिय़ा द्वारा पैतृक जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करा ली गई है। शिकायतकर्ता द्वारा आरोपितों के विरूद्ध राजस्व, पुलिस एवं पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को शिकायत करने के साथ ही इनके द्वारा सिविल कोर्ट में भी एक वाद प्रस्तुत किया गया था। पीडि़त सोरमबाई का कहना है कि उनके ससूर व भूमि स्वामी हरलाल पिता भीमाजी की मृत्यु 2006 में हो चुकी है और हम तभी से अपनी इस पुश्तैनी जमीन पर खेती करते चले आ रहे हैं।

जब यह भूमि कुंडालिया बांध डूब में आई, तब हमें मालूम पड़ा की इसका मुआवजा उनके नाम से ना होकर संतोष बाई पति कालूराम रातडिय़ा के नाम से आ रहा हैं, तब हमने प्रकरण में जांच की तो पता चला कि हमारी जमीन की रजिस्ट्री संतोष बाई ने अपने पति कालूराम रातडिय़ा के माध्यम से फर्जी रूप से करवा ली है। वर्ष 2010 में हुई इस रजिस्ट्री में मेरे ससुर हरलाल को विक्रेता बताया गया हैं, जबकि उनकी मृत्यु चार साल पुर्व 2006 में ही हो गई थी। तभी से हम आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किए जाने तथा रजिस्ट्री निरस्त किए जाने की मांग कर रहे थे।

जांच के बाद हुआ प्रकरण दर्ज

पीडि़त सौरम बाई व उनके पति घीसूजी ने एसपी संतोष कौरी को आवेदन देकर उन्हे भी सारी समस्या बताकर कार्यवाही करने का निवेदन किया था। एसपी कौरी के निर्देशन में सुसनेर एसडीओपी पल्लवी शुक्ला के द्वारा तत्परता से जांच की गई, जिसके बाद नलखेड़ा, पुलिस ने आरोपितोंं के विरूद्ध 18 जून को भा.द.स. की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी एवं 406 जैसी गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया हैं। ज्ञात हो कि पुरे मामलें में पीडि़त पक्ष की काफी सक्रियता रही।

पीडि़त सौरम बाई व घीसू ने तात्कालीन कलेक्टर अवधेश शर्मा व वर्तमान कलेक्टर कैलाश वानखेड़े को लिखित सुचना देने व कोर्ट में मामला विचाराधीन होने की जानकारी लगने के कारण आरोपितों के मुआवजे का भुगतान नही किया गया था। यदि भुगतान हो जाता तो गरीब किसानों को काफी संकट का सामना करना पड़ता। मामलें में एडव्होकेट गिरीश चंद्र सक्सेना ने पीडि़त पक्ष को कानूनी सहायता भी प्रदान की थी।

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