हादसे से नाराज पार्षद की शिप्रा घाट पर पड़ताल; ड्यूटी 35 की, काम पर मिले 15 सफाई कर्मचारी

नगर निगम कार्यालय में धरने के बाद अफसरों ने दिया घाट की सफाई का आश्वासन

उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा के घाटों पर सफाई नहीं होने से लगातार हो रहे हादसे के नगर निगम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज कांग्रेस पार्षद माया त्रिवेदी निगम दफ्तर के बाहर धरने पर पौने दस बजे जाकर बैठ गई थी। यह खबर मिलने के बाद अफसरों ने उन्हें घाटों की सफाई का आश्वासन दिया। तो वे घाट पर पहुंची और सफाई व्यवस्था में लगे कर्मचारियों को एकत्र करके जानकारी ली।

इस दौरान पता चला कि घाट पर सफाई करने के लिए 35 कर्मचारियों को रखा गया है। परन्तु उनमें से 19 मौजूद थे। इसमें से चार ऐसे थे, जिनको मौके पर ड्रेस पहनाई गई थी। वे दूसरे काम के लिए तैनात थे। इस गड़बड़ी की जानकारी सामने आने के बाद त्रिवेदी ने अफसरों से शिकायत की और खुद भी सफाई कराई।

अधिकारियों से पार्षद ने की मुलाकात

धरने पर बैठने पहुंची पार्षद त्रिवेदी से अपर आयुक्त आदित्य नागर, अपर आयुक्त मंडलाई आदि ने मुलाकात की। इस दौरान ब्लाक कांग्रेस कमेटी महाराजवाड़ा के अध्यक्ष सरवन शर्मा, दौलतगंज सराफा ब्लाक अध्यक्ष मुजीब सुपारीवाला, करण सिंह ठाकुर, सरदार सिंह, इमरान शाह, संजय आंजना, किशोर सेहरा, जितेंद्र शुक्ला, हिमांशु शुक्ला, तीर्थ पुरोहित उमेश भट्ट, धर्मेश हाड़ा, दीपक पांडे, पुरुषोत्तम दुबे, मनोज दुबे, अखिलेश चौबे, इति गुरु, श्रीवर्धन शा ी, नानू पंड्या, तेजकरण परमार आदि मौजूद थे।

11 दिन में शिप्रा में डूबने से पांच की मौत

पार्षद माया त्रिवेदी का दावा है कि 11 दिन में शिप्रा में डूबने से पांच लोगों की मौत हो गई है। घाटों पर सफाई और सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। उन्होंने कहा कि सात दिन में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो वे फिर से धरने पर बैठ जाएंगी।

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