25 जून को होने वाली प्रबंध समिति में रखा जा सकता है प्रस्ताव, हरी झंडी मिलते ही हो जायेगा लागू
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के महालोक को देखने के लिए दर्शनार्थियों पर शुल्क लगाने का मन जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी बना चुके हैं। जल्द ही इस पर निर्णय होने की संभावना है, शुक्रवार को जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की मुलाक़ात में इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। तय किया गया है कि इस मुद्दे को श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में रखा जाये और वहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू किया जाये। समिति की बैठक 25 जून को प्रस्तावित है।
बीते कुछ माह से कयास लगाए जा रहे थे की महाकाल लोक देखने के लिए न्यूनतम शुल्क रखा जाये। इसको लेकर जन प्रतिनिधि भी महाकाल लोक में प्रवेश शुल्क लगाने पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर रहे है। शुक्रवार को विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम से मुलाक़ात की और जल्द ही महाकाल लोक में प्रवेश के लिए शुल्क रखने की बात कही है।
विधायक श्री जैन ने बताया कि इतना बड़ा महाकाल लोक बना है उसके मेंटेनेंस के लिए प्रति श्रद्धालु से शुल्क लेने का विचार रखा है। रविवार को होने वाली प्रबंध समिति की बैठक में इसे रखा जा सकता है, इधर महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि शुल्क के लिए हमने कहा है कि शाम चार बजे से रात तक भीड़ बढ़ती है इसलिए महालोक का समय शाम 4 से 12 बजे तक रखा जाए और इस दौरान प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं से शुल्क वसूला जाए। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक 25 जून को होने वाली है। जिसमें सावन-भादौ मास के दौरान त्यौहारी व्यवस्थाओं पर भी चर्चा होना है।
उज्जैनवासियों के लिए जुलाई से शुरू हो सकता है पृथक दर्शन द्वार, आधारकार्ड से मिलेगा प्रवेश
उज्जैन वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जुलाई से उन्हें आधारकार्ड दिखाकर महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश मिल सकेगा। जल्द ही होने वाली प्रबंध समिति की बैठक में तारीख और पृथक द्वार दोनों तय हो जाएंगे। उज्जैन शहर के नागरिक आधारकार्ड दिखाकर महाकाल मंदिर में पृथक द्वार से दर्शन कर सकेंगे। कई दिन से चल रही कवायद के बीच महाकाल भक्तों के लिए उज्जैन महापौर मुकेश टटवाल ने शुक्रवार को बड़ी खुशखबरी दी।
टटवाल ने बताया कि सावन में जुलाई से उज्जैन में रहने वाले लोग अपना आधारकार्ड दिखाकर मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। इसके लिए एक गेट अलग होगा। इस प्रवेश द्वार का नगर द्वार नाम रखा जा सकता है। महापौर ने बताया कि तारीख का ऐलान जल्द ही होने वाली मंदिर प्रबंध समिति के बैठक में तय कर लेंगे।
श्री महाकालेश्वर मंदिर बैठक में रखे जाने वाले अन्य प्रस्ताव
- 4 जुलाई से श्रावण माह की शुरुआत होगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण माह का अधिक महत्व है। देशभर से कावड़ यात्रियों का दल भगवान महाकाल पर जलाभिषेक करने के लिए पवित्र नदियों का जल लेकर पहुंचते है। मंदिर प्रशासन के पास अभी से कावड़ यात्रा संघ के आवेदन पहुंचने लगे है। कावड़ यात्रियों के लिए जलाभिषेक करने के लिए जल पात्र कहां-कहां लगाया जाये।
- सावन माह में गर्भगृह में पूर्ण प्रतिबंध किया जाये। वीवीआईपी और पंडे-पुजारियों के यजमान के लिए क्या व्यवस्था किया जाये, इस मुद्दे पर विशेष चर्चा होगी। ताकि पंडे-पुजारी परिवार का रोजगार प्रभावित नहीं हो।
- इस बार दस सवारी निकाली जाना है। सात सवारी के लिए मुखौटे तो पूर्व से तय हैं, लेकिन तीन और कौन से मुखौटे सवारी में शामिल किये जायें, इन पर भी चर्चा होगी।