महाकाल घाटी पर बन रहा सीसी रोड क्या अगले दस दिन में आवागमन के लिए हो पायेगा तैयार
उज्जैन, अग्निपथ। प्रशासन ने आखिरकार महाकाल घाटी मार्ग पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। शुक्रवार से यहां पर सीसी रोड निर्माण शुरू हो गया है। लेकिन यह मार्ग सावन के पहले आवागमन के लिए तैयार हो जायेगा, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
महाकाल मंदिर जाने के लिए महाकाल घाटी का मार्ग प्रमुख माना जाता है। महाकाल लोक बनने के पहले तक यह एकमात्र मुख्य मार्ग था। इसी मार्ग से महाकालेश्वर की सवारी भी निकलती है। इस मार्ग की दुर्दशा को लेकर अग्निपथ ने समय रहते कई बार चेताया। हालांकि जिम्मेदार अब जागे हैं, और यहां पर सीसी रोड निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
जल्दबाजी में मार्ग पर समय के पहले शुरू करना पड़ेगी आवाजाही
हम आपको बता दें कि 2 जुलाई यानी ठीक दस दिन बाद सावन का महीना शुरू हो जायेगा और 15 दिन बाद 10 जुलाई को महाकालेश्वर की पहली सवारी है। यानी प्रशासन के पास अधिकतम 15 दिन हैं। शुक्रवार से तो निर्माण कार्य शुरू हुआ है। अगर बारिश नहीं होती है तो भी पूरा मार्ग बनाने में कम से कम 5-6 दिन लगेंगे और इसके बाद सडक़ को आवागमन के लिए तैयार करने के लिए प्रशासन के पास तकरीबन 4-5 दिन का ही समय बचता है। क्या ऐसे में यह मार्ग आवागमन के लिए तैयार हो जायेगा।
एक्सपर्ट व्यू: सीसी निर्माण को फुल स्ट्रेंथ के लिए चाहिए 28 दिन
नाम नहीं छापने की शर्त पर तकनीकी एक्सपर्ट बताते हैं कि 8 इंच या इससे अधिक के सीसी निर्माण को फुल स्ट्रेंथ यानी पूरी मजबूती के लिए करीब 28 दिन चाहिए होते हैं। अगर समय कम हो तो फिर भी तकरीबन 20 दिन का समय देना जरूरी है। महंगा केमिकल सीसी मटेरियल में मिक्स किया जाये तो भी करीब 15 दिन का समय निर्माण सेट होने के लिए देना जरूरी है। अगर मौसम बारिश का या नमी वाला है तो समय और अधिक चाहिए। अगर समय के पहले मार्ग खोला जाता है तो उसके कमजोर निर्माण यानी जल्दी टूटने, बिखरने की संभावना बनती है।
जल्दबाजी : बरसते पानी में डाली जा रही महाकाल में टनल की छत
महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों को शीघ्र दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा कर बनाई जा रही टनल के निर्माण कार्य में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। जल्दी से टनल निर्माण करने में जुटे जिम्मेदार बारिश में ही छत भरने का काम कर रहे थे। शुक्रवार शाम को बारिश के दौरान टनल की छत भरी जा रही थी। इस टनल के निर्माण संबंधी किये गये सभी दावे भी खोखले साबित हो चुके हैं।
पहले जून के पहले टनल निर्माण का दावा किया गया था और एक महीने के लिए महाकाल परिसर दर्शनार्थियों के लिए बंद किया गया था। बाद में बारिश के पहले यानी 15 जून तक काम पूरा करने का दावा किया गया। जबकि हालात यह है कि अभी टनल के एक ओर की छत भरने का काम शुरुआती दौर में है और बारिश शुरू हो चुकी है।