वरिष्ठ पत्रकार ठा. शिवप्रताप सिंह जयंती पर साहित्यकार सम्मान समारोह सम्पन्न
उज्जैन, अग्निपथ। लोह लेखनी के धनी वरिष्ठ पत्रकार ठा. शिवप्रताप सिंह जी ने कबीर के इस दोहे को सार्थक किया कि कबीरा खड़ा बाज़ार में, लिए लुकाठी हाथ/जो घर जारे आपना, चले हमारे साथ। सच्ची पत्रकारिता को उसकी कीमत चुकानी होती है। ठाकुर साहब ने अकबर इलाहाबादी के इस शेर को महत्ता प्रदान की -खींचो ना कमानो को, ना तलवार निकालो/जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो।
यह उदगार ठाकुर शिव प्रताप सिंह जी की 110वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि, हिन्दी- मालवी के सुप्रसिद्ध हस्ताक्षर डॉ. शिव चौरसिया ने व्यक्त किए। जानकारी देते हुए चन्द्रभान सिंह चंदेल ने बताया कि प्रेस क्लब में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में वरिष्ठ चिकित्सक, कवि और विशेष अतिथि डॉ.श्याम अटल ने कहा कि श्री शिवप्रताप सिंह जी ने तमाम सुविधाओ को तिलांजलि देकर कांटो भरा रास्ता चुना। यह उनकी महानता थी।
अनिलसिंह चंदेल ने अपने पिताश्री का स्मरण करते हुए बताया कि उनका जीवन संघर्षों में बीता। लेकिन उसूलों के वे हमेशा पक्के रहे और कभी समझौता नहीं किया। विशेष अतिथि, वरिष्ठ कवयित्री डॉ पुष्पा चौरसिया ने कहा कि उनकी कलम के प्रति निष्ठा वंदनीय रही।
कायक्रम की अध्यक्ष , शिक्षाविद् , साहित्यकार डॉ. गीता नायक ने ठाकुर साहब को नमन करते हुए कहा कि साहित्य वह ही नही है जो साहित्यकारों, कवियों द्वारा लिखा गया। वह हर पंक्ति साहित्य है जो लोक कल्याण के लिए लिखी गई है। कई समाचार पत्र जो आज बुलंदी पर हैं। उनकी नींव मजबूत करने में श्री शिवप्रतापसिंह जी का योगदान है।
श्री वी. एस. गेहलोत साकित उज्जैनी ने अपनी गज़़ल में शिवप्रतापसिंह जी द्वारा अग्निपथ चुनने की बात कही। इस अवसर पर आयोजित काव्य गोष्ठी में श्री विजय गोपी जी ने गंजो पर शानदार हास्य कविता, डॉ मोहन बैरागी ने एक टुकड़ा धूप, एक मुठ्ठी छांव है गीत सुनाया, श्री नरेंद्र सिंह बैस अकेला ने अपने मुक्तक, किसी धनवान के हाथों कलम बेचा नहीं करते।
डॉ. रफीक नागोरी ने गज़ल हमको तो सुबह के अखबार से डर लगता है। श्री कमल चौधरी ने शोषण पर कविता जुलाई का दाखिला कमर तोड़ देता है। और श्री सुगन चंद जैन ने पिता की महिमा शीर्षक की शानदार कविता पढक़र श्रोताओं की खूब दाद बटोरी।
इस अवसर पर नगर के साहित्यकारों एच. एल. माहेश्वरी ( ख्यात लेखक), डॉ. आर. पी. तिवारी (ख्यात कवि एवं पूर्व डिप्टी कलेक्टर), नरेन्द्र सिंह अकेला (ख्यात मंचीय कवि एवं पत्रकार), डॉ. वन्दना गुप्ता ( ख्यात लघुकथाकार एवं प्राचार्य, कालिदास कन्या महाविद्यालय) डॉ. मोहन बैरागी (ख्यात गीतकार, मंचीय कवि), कमल चौधरी (ख्यात मंचीय कवि), विजय सिंह गहलोत साकित उज्जैनी (ख्यात शायर), मानसिंह शरद (वरिष्ठ लघुकथाकार), सुगनचन्द्र जैन (ख्यात मंचीय कवि), विजय गोपी (ख्यात कवि-ओज एवं हास्य), लता कलमिया (ख्यात कवि), प्रकाश कोमल (ख्यात कवि) और डॉ. रफीक नागौरी ( विख्यात शायर) को अतिथियों द्वारा प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।
प्रारम्भ में अतिथि स्वागत प्रद्योतकुमार चंदेल, अर्जुन सिंह चंदेल, अरविंदसिंह चंदेल द्वारा किया गया। सरस्वती वंदना प्रकाश कोमल ने प्रस्तुत की। स्वागत भाषण सन्तोष सुपेकर ने दिया। संचालन हरदयाल सिंह ठाकुर ने किया और अंत में आभार चन्द्रभान सिंह चंदेल ने व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि यह महत्वपूर्ण आयोजन पिछले अनेक वर्षों से ठाकुर साहब की जयन्ती के अवसर पर सफलतापूर्वक आयोजित होता आ रहा है। जिसमें अब तक नगर के अनेक सृजनधर्मियों का सम्मान किया जा चुका है।