एक साल में हुई गड़बड़ी को दबाने का प्रयास
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्व विद्यालय में पीएचडी फर्जीवाड़ा के नाम पर लोकायुक्त की एफआईआर होने के बाद होने वाली आज की कार्य परिषद की बैठक में हंगामे के आसार है।
कार्यपरिषद की बैठक का जो एजेंड़ा जारी किया गया है। उसमें 12 विंदुओं पर विचार -विमर्श किया जाना है। इसमें एक बिंदु पीएचडी घोटाले के संबंध में है। इसमें 12 रोल नबंर देकर अभियांत्रिकी विभाग के इन 12 शोधार्थियों के खिलाफ या पक्ष में फैसला किया जाने का प्रस्ताव रखा गया है। परन्तु जब लोकायुक्त की जांच चल रही है। ऐसे में एक साल में हुई पीएचडी परीक्षा में भाग लेने वाले सभी अ यर्थियों की जांच के स्थान पर एक विभाग के 12 रोल नंबर को बलि का बकरा बनाए जाने की योजना को लेकर हंगामा होने की संभावना जताई जा रही है।
वहीं इस मामले में पीएचडी की आरएसी कमेटी भी शंका का दायरे में आई है। परन्तु इन सभी को बचाने के लिए बताया जाता है कि 12 छात्रों पर गाज गिराने की योजना विक्रम विश्व विद्यालय के कर्ताधर्ताओं ने बनाई है। इससे पूरे मामले में जांच को लेकर शिकायत और आवेदन दिए जाने की तैयारी है।
जांच समिति की 15 बैठक हो चुकी
कार्य परिषद के एजेंड़े में बताया गया है कि जब से मामले का खुलासा हुआ है। तब से 15 बैठक जांच समिति कर चुकी है। खुद कुलपति कह चुके हैं कि समिति के पदाधिकारी कई बार जांच करने से मना कर चुके हैं। इसको लेकर भी कई तरह के सवाल विक्रम विश्वविद्यालय में चल रहे हैं।
बुधवार को कांग्रेस नेताओं ने किया था प्रदर्शन
पीएचडी घोटाले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया था। कुल सचिव प्रशांत पुराणिक की नेम प्लेट को पोत दिया गया था। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि लोकायुक्त एफआईआर के बाद पुराणिक को पद से हटाया जाना चाहिए।