इंजीनियरिंग विभाग के 12 पीएचडी अ यर्थियों के मामले में घोटाले का आरोप-कुलसचिव पुराणिक के स्थान पर उपकुलसचिव ने पूरी की बैठक की कार्यवाही
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग 12 अभ्यर्थियों के पीएचडी मामले से कार्य परिषद ने पल्ला झाड़ लिया है। यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव समेत भी प्रोफेसरों से कहा गया है कि वे कानूनी सलाह लेकर काम करें। क्योंकि मामले लोकायुक्त में चल रहा है। इसलिए वे इस पर कोई फैसला नहीं लेंगे।
बैठक की जानकारी देते हुए कार्यपरिषद सदस्य सचिन दवे ने बताया कि पीएचडी मामला पहली बार कार्य परिषद में आया है। इस पर सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि एक साल से मामला चल रहा है। परन्तु कुलपति अखिलेश पांडे और कुल सचिव ने इसके विषय में लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज होने के बाद कार्यपरिषद को बताया है।
15 बैठक आयोजित किए जाने की बात एजेंड़े में कही गई है। परन्तु बैठक की प्रोसिडिंग नहीं दी गई। न ही कभी सदस्यों को इस मामले से अवगत कराया गया। बैठक में कुलसचिव प्रशांत पुराणिक मौजूद नहीं थे। उनके स्थान पर उप कुल सचिव डीके बग्गा ने कार्य परिषद की कार्यवाही की। बैठक में राजेश सिंह कुशवाह, संजय नाहर, विनोद यादव, ममता बैंडवाल, डॉ. कुसुमलता निगवाल, डॉ दीपक गुप्ता, गोविंद गंधे, अर्पणा भारद्वाज आदि मौजूद थी।
छह पुरस्कार देगा विवि, स्पोर्टस डायरेक्टर नियुक्त होगा
दवे ने बताया कि कार्य परिषद की बैठक में फैसला लिया गया है कि पहली बार विक्रम विश्व विद्यालय प्रोत्साहन पुरस्कार देगा। इसमें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के लिए महर्षि सांदीपनी पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ छात्र के लिए सम्राट विक्रमादित्य पुरस्कार, शोध के लिए पद्मश्री विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरस्कार, पर्यावरण के लिए योगदान देने के लिए शिप्रा पुरस्कार, सशक्तिकरण के लिए भीमाबाई होलकर पुरस्कार देने का फैसला लिया गया है। खेल के लिए स्पोर्टस डायरेक्टर की नियुक्ति की सिफारिश भी की गई है।
हर कालेज में बनेगा नोडल अधिकारी
दवे ने बताया कि ईसी की बैठक में फैसला लिया गया है कि कॉलेज स्तर पर छात्रों की समस्याओं के निराकरण के लिए हर कालेज में एक नोडल अधिकारी बनाया जाए। कालेज प्रोफेसर को प्राचार्य नामित करके नोडल अधिकारी बनाएंगे। वह छात्रों की समस्या के निराकरण के लिए काम करेंगे। इसकी सूचना विश्वविद्यालय को भी दी जाएगी। ताकि यूनिवर्सिटी से जुड़ी समस्या के लिए वह यहां भी बात कर सकें।
परीक्षा परिणाम समय पर देने बनेगी समिति
ईसी सदस्य दवे ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय में समय पर परीक्षा परिणाम देने के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया गया है। यह समिति परीक्षा परिणाम के विषय में सभी फैसले करेगी।
अकेले में मामले को समझा कार्यपरिषद ने
दावा किया जा रहा है कि कुलसचिव प्रशांत पुराणिक को कार्यपरिषद सदस्यों ने बुलाया और उनसे मामले की जानकारी ली। इससे पहले विश्व विद्यालय से जुड़े सभी कर्मचारी और अधिकारियों को ईसी सदस्यों ने बैठक स्थल से बाहर कर दिया था। ताकि मामले की गोपनीयता बनी रहे।
कार्यपरिषद ने पीएचडी के मामले में स्वीकृति दी है। जिस मामले को लेकर विवाद है उसके विषय में कानूनी सलाह लेने का फैसला हुआ है।
-अखिलेश पांडे, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति उज्जैन