महिदपुर, अग्निपथ। क्षिप्रा नदी में प्रदूषण के कारण क्षेत्र के रहवासी तो परेशान हैं ही जलजीव भी मौत का शिकार हो रहे हैं। प्रदूषित जल के कारण विगत दो दिनों में महिदपुर की क्षिप्रा नदी में हजारों की संख्या में मछलियां मर गई हैं।
यह आरोप म.प्र. कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता अशोक नवलखा ने लगाया है। उन्होंने करोड़ों रुपये खर्च कर भी शिप्रा को प्रदूषण मुक्त न कर पाने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। नवलखा के मुताबिक जिम्मेदार व्यक्तियों की अदूरदर्शिता व अपरिपक्वता के कारण करीब 300 करोड़ रुपये खर्च कर इन्दौर से बहकर आने वाला दूषित जहरीला व अपशिष्ट पदार्थो के पानी को क्षिप्रा में मिलने से रोकने के लिए 17 किमी पाईप लाईन डालकर गंदा पानी आगे कालियादेह पैलेस के यहां छोड़ दिया गया।
वर्ष 2016 से यह गंदा पानी क्षिप्रा में डालने से महिदपुर व महिदपुर तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में जनता दूषित व गंदा पानी पीने को मजबूर हो रही है। ग्रीष्मकाल में जब पानी का स्तर बहुत कम हो जाता है तो यह गंदे पानी का प्रकोप और ज्यादा हो जाता है। जिससे नागरिकों को चर्म रोग व पशुओं पक्षियों में महामारी फैलकर अकाल मृत्यु की संभावना बनी रहती है। वहीं गंदे पानी का बहाव भूमिगत जल स्रोंतो में होने से हैंडपंपों में भी प्रदूषित जल ही प्राप्त होता है,। वहीं तीन सौ कराड़े खर्च करने के बाद भी समस्या जस की तस होकर जगह जगह नालो का गंदा पानी नदी में मिल रहा है। लापरवाह अधिकारियों पर ठोस व परिणामी कार्यवाही नहीं हो रही है, साथ ही जनता की लाचारी व मजबूरी पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
सात साल से चेता रहे लेकिन कोई नहीं दे रहा ध्यान
नवलखा ने बताया कि वे स्वयं 2016 से निरंतर प्रोजेक्ट की विफलता पर व क्षिप्रा के दूषित होने पर शासन व प्रशासन को लिखित में चेता रहे है किन्तु जनता के साथ खिलवाड़ करने वालो ने ध्यान नहीं दिया। प्रशासन की विफलता के दुष्परिणाम महिदपुर तहसील के नागरिक भी निरंतर उठाते आ रहे है। अभी अभी क्षिप्रा में पुन: तेजी से केमिकल युक्त गंदा काला पानी आने से आम जनता त्रासदी भुगतने को मजबूर हो रही है।