अफसर-नेताओं ने ई रिक्शा पर घूमकर देखा सवारी मार्ग का हाल, सबकुछ बेहतर दिखा
उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल सवारी की व्यवस्था में डूबे अधिकारियों ने सवारी के 24 घंटे पहले ही आम आदमी को बेरिकेड्स में कैद कर दिया। सवारी सोमवार शाम को चार बजे निकलना है। बेरिकेड्स रविवार दोपहर एक बजे से ही कर दी गई। सवारी मार्ग से आम आदमी का गुजरना और स्थानीय रहवासी व व्यापारियों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया।
रविवार को प्रशासनिक अधिकारी सवारी मार्ग की व्यवस्था बेहतर से बेहतर बनाने मेें इस कदर डूबे कि उन्होंने आम आदमी की परेशानी समझना भी बेहतर नहीं समझा। श्री महाकालेश्वर की सवारी बरसो से निकलती आ रही है, लेकिन इस साल की तरह अव्यवस्थाएं पहले कभी नहीं दिखी। सवारी मार्ग पर जिस तरह से बेरिकेडिंग की गई है और पुलिस जवानों को तैनात किया गया है उसे देखकर तो ऐसा लग रहा है मानो इस क्षेत्र के रहवासियों को कैद कर दिया गया है। ई-रिक्शा से घूमे अधिकारी-जनप्रतिनिधि रविवार दोपहर बाद अधिकारी और जनप्रतिनिधि ई-रिक्शा से सवारी मार्ग पर घूमे। इन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
आम दर्शनार्थियों के बुरे हाल, कीचड़-पत्थरों से गुजर रहे
सावन का महीना प्रारंभ होते ही बाबा महाकाल के आंगन में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शनार्थी बाबा महाकाल के दर्शन हेतु आ रहे हैं। लेकिन दर्शनार्थियों को इन दिनों महाकाल लोक सहित अन्य निर्माण के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों संपूर्ण महाकाल मंदिर क्षेत्र में महाकाल लोक सहित अन्य निर्माण कार्य चल रहे हैं जिसके चलते निर्माण सामग्री क्षेत्र में पड़ी हुई है।
दर्शनार्थी काफी दूर ही अपनी चरण पादुका उतारकर दर्शन हेतु जा रहे हैं ऐसे में उन्हें काफी लंबा रास्ता दर्शन हेतु चलकर पूरा करना पड़ रहा है इस मार्ग में निर्माण कार्य में मुरम गिट्टी सहित अन्य सामग्री दर्शनार्थियों के पैर में चुभ रही है साथ ही बारिश का समय होने पर चारों और कीचड़ की स्थिति हो गई है। जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सवारी मार्ग समय पर तैयार करने के दावे खोखले, अंतिम दौर में भी चलती रही तैयारी
सवारी मार्ग समय पर तैयार करने के प्रशासनिक अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो गये। एक दिन पहले भी सवारी मार्ग के निर्माण कार्य पूरे नहीं हो पाये थे। एक दिन पहले रविवार को प्रशासनिक अमला किसी भी हाल में काम समेटने में जुटा हुआ था। रविवार शाम तक सवारी मार्ग पर जगह-जगह निर्माण सामग्री बिखरी पड़ी थी। महाकाल मंदिर से बाहर आने वाले सवारी मार्ग पर भी निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ था। मंदिर के अंदर भी निर्माण सामग्री बिखरी थी। यहां बनी नई सीढिय़ों के पत्थर भी देर रात को लगाये गये।