उज्जैन, अग्निपथ। विगत वर्ष वाहन पोर्टल को शुरूआत के साथ ही परिवहन कार्यालय में वाहनों से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन की जा रही है। नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन डीलर स्तर से ऑनलाइन किया जा रहा है, लेकिन अब तक पीयूसी के ऑनलाइन व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में आवेदक और एजेंट को शहर में संचालित हो रहे पीयूसी सेंटर से सर्टिफिकेट लेकर अपलोड करना पड़ रहे हैं। आवेदकों को पीयूसी सर्टिफिकेट के लिए परेशान होना पड़ रहा है, जबकि अन्य कागजात ऑनलाइन पोर्टल पर सीधे अपलोड हो रहे हैं।
देश में कही भी पीयूसी (पाल्यूशन अंडर कंट्रोल) बनवाया जा सकता है, लेकिन पोर्टल पर पीयूसी का आप्शन अभी तक शुरू नहीं हुआ। ऐसे में वाहन मालिक परेशान हो रहे हैं। उन्हें अन्य दस्तावेजो के साथ पीयूसी सर्टिफिकेट लगाना पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि नई कार, बाइक के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र तीन साल के लिए वैध होता है।
इसके बाद हर 6 महीने में उसे रिन्यू कराने की जरूरत पड़ती है। चूंकि उज्जैन में नए और पुराने वाहनों की खरीदी बिक्री काफी संख्या में होती है। ऐसे में पीयूसी कार्ड की अनिवार्यता बढ़ जाती है। पोर्टल पर ऑप्शन नहीं होने से शहर में संचालित हो रहा है पीयूसी सेंटर उसे का सर्टिफिकेट लेकर पोर्टल पर अपलोड करना पड़ रहा है। इसके बाद जाकर कहीं बाहर के पंजाबन और नवीनीकरण हो पा रहे हैं।
जुर्माना भुगतना पड़ता है
दिल्ली सहित अन्य राज्य की ओर जाते हैं, तो पीयूसी की जरूरत पड़ती है। मध्य प्रदेश की गाडिय़ों की पीयूसी का आनलाइन डेटा नजर नहीं आता है। आनलाइन डेटा नहीं होने पर पीयूसी सर्टिफिकेट जारी नहीं करते थे। इससे जुर्माना भुगतना पड़ता है। इस पोर्टल पर ऑनलाइन पीयूसी सर्टिफिकेट का डाटा शुरू होना है, लेकिन अभी तक नहीं होने से वाहन मालिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।