स्वास्थ्यकर्मियों के घरों की नाली में बाउंड्रीवॉल का मलबा डाला, घरों में भरा रहा पानी

उज्जैन, अग्निपथ। हीरा मिल-विनोद मिल की चाल पहुंच मार्ग को चौड़ा करने और इसके लिये सख्याराजे प्रसूतिगृह की बाउंड्रीवॉल को जमींदोज किये जाने के बाद बाउंड्रीवाल का मलबा अभी भी वहां पर पड़ा हुआ है। साथ ही मलबा स्वास्यकर्मियों के निवास की नाली में भर गया है। जिसके चलते इनके घरों में झमाझम बारिश होने से नाली का पानी घर में भर रहा है। लेकिन ठेकेदार को फोन करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

एक माह पहले सख्याराजे प्रसूतिगृह परिसर को कवर करने वाली बाऊंड्रीवाल को प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति में खड़े होकर जमींदोज करवा दिया था। जबकि यहां पर 10 के लगभग स्वास्थ्यकर्मी निवासरत होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन ठेकेदार ने बाउंड्रीवॉल तो तोड़ दी लेकिन इसका मलबा जोकि नाली में भी गिर गया था, नहीं हटवाया।

लिहाजा नाली चोक होने के कारण झमाझम बारिश में पानी नाली ओव्हर फ्लो होने के कारण इनके घरों में भर रहा है। ऐसा नहीं है कि इन सरकारी कर्मचारियों ने ठेकेदार को फोन नहीं लगाया हो। लगाया तो लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते ठेकेदार मौका स्थल से आकर वापस चला गया। जानकारी में आया है कि सत्तापक्ष के किसी नेता ने उसको ऐसा करने से मना कर दिया है। वहीं विपक्ष के नेताओं को फोन करने के बाद उन्होंने भी यहां पर आना उचित नहीं समझा।

ननि को फोन कर जेसीबी से कराया साफ

नाली पानी घरों में भर जाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने नगरनिगम में फरियाद लगाई तो यहां से जेसीबी को भेज दिया गया। जेसीबी ने मलबा तो साफ कर दिया लेकिन इनके घर का गीला होना बंद नहीं हो रहा है। नाली के बाहर पड़ा हुआ कचरा भी नहीं उठवाया गया है जिसके चलते बदबू से स्वास्थ्यकर्मियों का घरों में रहना दुश्वार हो रहा है।

पूरा घर हो रहा गीला

एक तो नाली अधकचरी बनी हुई है और उपर से इसमें मलबा डाल दिया गया। ऐसे में नाली में से पानी स्वास्थ्यकर्मियों के घरों में भर रहा है। इन घरों में लगी हुई टाइल्स में से पानी रिसकर फर्श को गीला कर रहा है। ऐसे में फर्श पर इस बारिश के दौर में चलना मुश्किलभरा हो रहा है। लगभग सभी कर्मचारियों के घरों में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।

हराभरा पेड़ भी जमींदोज

रोड चौड़ीकरण का जुनून इस कदर जिम्मेदारों पर हावी है कि उन्होंने परिसर में लगा हुआ हराभरा पेड़ भी रास्ते का रोड़ा समझ कर काट दिया। एक बड़ा पेड़ भी इस दौरान इस मुहिम की बलि चढ़ गया। स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि उनको यहां से हटाने के षडय़ंत्र के तहत उनको जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। जबकि नाली और बाउंड्रीवाल का मलबा हटाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है।

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