उज्जैन, अग्निपथ। कोरोना वैक्सीनेशन के बाद बीमार हुए हितग्राहियों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यवस्था के बड़े बड़े दावे तो किए। लेकिन शनिवार को कोरोना वैक्सीनेशन के बाद चार स्टाफ नर्सों में से दो को तुरंत बेड नहीं मिल पाए थे। उनको काफी जद्दोजहद के बाद जिला अस्पताल प्रशासन ने रविवार की सुबह महिला वार्ड में बेड उपलब्ध करवाए थे।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चरक भवन में पदस्थ स्टाफ नर्स महिमा पिता बेनीराम लेकासी 23 वर्ष, रानी पिता रामकिशन 25 वर्ष के साथ सी वार्ड में पदस्थ चेतना साहू और डी वार्ड में ड्यूटी करने वाली नर्स सुमन डेहरिया ने वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था। वैक्सीनेशन के बाद टीका लगवाने वाली चारों नर्सों को भी आधे घंटे की निगरानी में भी रखा गया था। महिमा को शनिवार को 3 बजे, सुमन को रात 2.30 बजे, चेतना को सुबह 6 बजे और रानी को चक्कर आने, घबराहट होने, सिर भारी होने और लूज मोशन के साथ बुखार की शिकायत होने लगी। इनमें से तीन शनिवार रात को और एक सुबह जिला अस्पताल पहुंची थी। लेकिन उनको महिला वार्ड में बेड उपलब्ध नहीं होने के चलते पुरुष वार्ड के बेड पर भर्ती कर दिया गया था। तीनों ने इस दौरान काफी मानमनुहार भी की लेकिन उनको रात में तुरंत बेड नहीं मिल पाए थे।
सोमवार की सुबह दी छुट्टी
महिमा, सुमन और रानी को महिला वार्ड से आब्जर्वेशन के लिए आईसीयू में भर्ती कर दिया गया था। उनका उपचार करने वाले डॉ. अजय निगम ने महिमा और सुमन को हालत ठीक होने पर सुबह छुट्टी दे दी। लेकिन उनका डिस्चार्ज पर्चा रविवार की रात को ही बना दिया गया था। केवल रानी की तबीयत अभी भी ठीक नहीं होने के चलते आईसीयू में ही भर्ती कर रखा गया है।
पूरे बैच की तबीयत हो रही खराब
कोरोना वैक्सीनेशन के बाद इन चार स्टाफ नर्सों के बैचमेटों की तबीयत किसी न किसी कारण से खराब है। किसी को बुखार आ रहा है तो किसी को घबराहट हो रही है। बताया जाता है कि वैक्सीनेशन के बाद इन स्टाफ नर्सों को रात्रिकालीन शिफ्ट में काम पर भी लगा दिया गया था। जबकि इनको रेस्ट करने के लिए अवकाश दिया जाना था।