इंदौर, अग्निपथ। मालव विभूषण आचार्य श्रीमद् विजय वीररत्न जी सूरीश्वर महाराज का शुक्रवार को दोपहर 2.35 बजे देवलोकगमन हो गया। उनकी पालकी 15 जुलाई शनिवार को सुबह 5 बजे तिलक नगर श्री तिलकेश्वर पारसनाथ जैन तीर्थ से मातमोर शिवपुर तीर्थ (जिला देवास) रवाना करेगी। वहां पहुंचकर अंतिम संस्कार संबंधी चढ़ावे और अंतिम क्रिया दोपहर 12.39 बजे की जाएगी।
यह निर्णय आचार्य वीर रत्न सूरी महाराज के उत्तराधिकारी आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय पद्मभूषण रत्न सूरीश्वर महाराज के सान्निध्य में सकल श्री संघ ने लिया है। गौरतलब है कि आचार्य श्रीमद् विजय वीररत्न जी सूरीश्वर महाराज तिलकनगर में तिलकेश्वर पार्श्वनाथ उपाश्रय में चातुर्मास कर रहे थे। उनके चातुर्मास की कलश स्थापना 1 जुलाई को हुई थी, लेकिन अस्वस्थ होने के कारण वे अस्पताल में भर्ती थे। इसके बाद वे स्वस्थ होकर मंदिर लौटे और 9 जुलाई को समाजजन ने उनका वरघोड़ा निकालकर अगवानी की और इसके बाद में मंदिर में विराजित हो गए थे।
आचार्यश्री की देवास जिले के शिवपुर जैन तीर्थ मातमोर के संस्थापक रहे हैं। इसके साथ ही मालवा क्षेत्र के मक्सी, देवास, उन्हेल, शाजापुर आदि तीर्थ निर्माण में भी उनकी अहम भूमिका रही है। सकल श्रीसंघ के पदाधिकारियों के अनुसार आचार्यश्री समाधिपूर्वक नवकार मंत्र का स्मरण करते हुए शुक्रवार दोपहर 2.35 देवलोक गमन हुए हैं।