लंबे अरसे बाद कांग्रेस का प्रभावी ट्रैक्टर मार्च, आमसभा में मोदी और शिवराज पर बरसे

उज्जैन,अग्निपथ। केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 55 दिनों से दिल्ली में डेरा डाले किसानों के समर्थन में सोमवार को जिला कांग्रेस के आव्हान पर शहर में प्रभावी टैक्टर मार्च निकाला। रैली के समाप्ति पर एक बड़ी आम सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न कांग्रेस नेताओं ने केंद्र की मोदी एवं शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि हमारा देश का प्रधानमंत्री उद्योगपतियों का गुलाम है।

केंद्र सरकार के द्वारा कृषि कानून लाए जाने के बाद से दिल्ली में बड़ी संख्या में किसान डेरा डाले हुए हैं। किसानों के आंदोलन के समर्थन में कई राज्यों में यह आंदोलन फैल चुका है। मध्यप्रदेश में भी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। इसी तारतम्य में उज्जैन जिला मुख्यालय पर काफी अरसे बाद कांग्रेस ने प्रभावी आंदोलन किया है। इस दौरान विशाल ट्रैक्टर रैली निकाली गई। जिसमें पूरे उज्जैन जिले से बड़ी संख्या में ट्रैक्टर, पार्टी के किसान नेता एवं कार्यकर्ता लेकर कृषि उपज मंडी पहुंचे थे।

निर्धारित समय से दो घंटे बाद रैली शुरू हुई। ट्रैक्टरों की संख्या को लेकर अलग-अलग बयानबाजी की जा रही है पर यह हकीकत है कि ट्रैक्टर का एक सिरा तरणताल के नजदीक था तो दूसरा कृषि उपज मंडी में था। रैली में ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान नेताओं के साथ पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, सचिन यादव, युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रम भूरिया, विधायक महेश परमार, रामलाल मालवीय, मुरली मोरवाल, दिलीप गुर्जर सहित कई वरिष्ठ नेता ट्रैक्टर में बैठकर निकले। ट्रैक्टर नगर निग़म के पूर्व सभापति आजाद यादव चला रहे थे। ट्रैक्टर में बैठे किसान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते चल रहे थे।

जिला पंचायत के समीप कोठी रोड पर सभी नेता आमसभा स्थल पहुंचे। जहां सभी वक्ताओं ने डबल इंजिन सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि हमारे देश का प्रधानमंत्री गुलाम प्रधान मंत्री है, जो अडानी-अंबानी की गुलामी करता है। अगर ऐसी ही गुलामी वह किसानों की करने लगे तो उनका जीवन सफल हो जाता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास दिल नहीं है, अगर उनके पास दिल होता तो आज देश के 55 किसान मौत के मुंह में चले गए परंतु उनके लिए एक आंसू तक उन्होंने नहीं बहाया।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किसानों के मुद्दा सुलझाने के लिए बनाई गई समिति पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि चापलूसी की कमेटी बनी है। जिसमें सरकार की पैरवी करने वाले लोग शामिल है।यह बात किसान आसानी से समझ गया। परंतु भाजपा नेता और मंत्रियों को समझ नहीं आ रही।

पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने तीनों कृषि कानूनों की व्याख्या करते हुए विस्तार से किसानों को समझाया और कहा कि कोरोना काल के दौरान चोरी-छिपे अध्यादेश के माध्यम से यह कानून लाए गए हैं। राज्यसभा में भी इस कानून पास करने में सरकार ने पूरी तरह दुरुपयोग किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके उद्योगपति मित्रों ने बड़ी मात्रा में चंदा दिया था और इन कानूनों के बदले वह किसानों को लूट कर उसकी भरपाई करेंगे। उन्होंने रैली में आए किसानों से आव्हान किया कि तीनों काले कानूनों के खिलाफ गांव की चौपालों पर जाकर अपने किसान मित्रों को इनकी खामियों को उजागर करे ताकि उनकी फसल मंडी में व्यापार करने के लिए बन्द न हो पाए।

प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने इन कृषि कानून से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को आगाह करते हुए कहा कि इन कानूनों से मंडी तो खत्म होगी ही होगी। परंतु ग्रामीण इलाकों में चलने वाली सोसाइटी एवं कंट्रोल की दुकानें भी पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार में भी जब मंडी खत्म की गई तो सोसायटियां और कंट्रोल की दुकानें भी बन्द कर दी गई।

विधायक रामलाल मालवीय ने आगे कांग्रेस हमेशा किसानों की हितैषी पार्टी रही है पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राज में किसानों का 73 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा प्रदेश के हजारों किसानों का एक लाख तक का कर्जा माफ किया गया है। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून किसानों के खिलाफ बताते हुए कहा कि इससे मंडी बन्द होने का खतरा पैदा हो गया है।

विधायक दिलीप गुर्जर ने कहा की मोदी सरकार शुरू से ही किसान विरोधी रही है। पहले भूमि अधिग्रहण कानून लाई तो उसका कांग्रेस पार्टी ने जमकर विरोध किया तब जाकर कानून वापस लिया गया। अब कृषि काले कानून लेकर आई है जो किसानों को बर्बाद कर देंगे। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा लोगों को सपने दिखाए पहले नोटबंदी लाई गई तब का क्या-क्या कहा गया, फिर जीएसटी लाए तब भी बहुत कुछ बोला गया। अब कृषि कानून लाए गए तो उनके फायदे बता रहे हैं जब कि यह किसान विरोधी कानून है।

विधायक मुरली मोरवाल ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह गूंगी बहरी सरकार है। जो सिर्फ बोल सकती है। किसानों का दर्द उसे सुनाई नहीं दे रहा है। पिछले कई दिनों से किसान दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। परन्तु मोदी सरकार को उनकी सिसकियां न तो सुनाई दे रही है और नहीं दिखाई दे रही। उन्होंने किसानों से आव्हान किया कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। हम अधिकारियों को घेर लेंगे। बडऩगर के अधिकारियों को भी अच्छी तरह से समझा दिया है।

विधायक महेश परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को किसानों की चिंता नहीं है परंतु उन्हें फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की चिंता है। उन्होंने किसान विरोधी कानूनों की जमकर आलोचना करते हुए कहा है कि इससे किसानों के फसल बेचना मुश्किल हो जाएगा। मंडियां बंद कर दी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी किसानों को बिना मांगे यह कानून दे रहे जो उन्होंने कभी मांगे ही नहीं है।

विधायक मनोज चावला, पूर्व विधायक बटुकशंकर जोशी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष कमल पटेल ने भी सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी, पूर्व सांसद सत्यनारायण पंवार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनोहर बैरागी, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री कमल चौहान, विक्की चौहान सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद थे।

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