प्रबंधन ने मांगी माफी, प्रार्थना के साथ हुआ हनुमान चालीसा का पाठ
फोटो – 22 एसजेआर- 01 (केप्शन: अभाविप ने घटना को लेकर सौंपा ज्ञापन। की कार्यवाही की मांग।)
फोटो – 22 एसजेआर- 02 (केप्शन: बच्चों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ।)
फोटो – 22 एसजेआर- 03 (केप्शन: स्कूल प्रबंधन ने बच्चों, अभिभावकों व हिन्दू संगठन के लोगों से मांगी माफी।)
शाजापुर। जिले के अकोदिया स्थित क्रिश्चियन अल्फोंसा स्कूल में शनिवार को एक शिक्षिका ने तिलक लगाकर आए एक विद्यार्थी को स्कूल में आने से रोका। फिर उसे तिलक मिटाकर स्कूल में बैठने को कहा। इस पर वहां जमकर हंगामा हो गया। बाद में स्कूल प्रबंधन ने स्कूल पहुंचे अभिभावकों सहित बच्चों से भी माफी मांगी और प्रार्थना के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करवाया। तब जाकर मामला शांत हुआ। हालांकि हिन्दू संगठनों की मांग है कि जब तक वे संबंधित शिक्षिका को निलंबित नहीं करेंगे यह आंदोलन जारी रहेगा।
छात्र का आरोप है कि वह तिलक लगाकर स्कूल पहुंचा था तभी गेट पर रोक कर स्कूल प्रबंधन ने छात्र को तिलक मिटाकर स्कूल में आने की हिदायत दी। जब छात्र ने तिलक नहीं मिटाया तो उसे शिक्षक ने क्लास में उसका तिलक मिटा दिया और ईसा मसीह को भगवान मानने की बात कही। मामले की जानकारी लगते हैं बच्चे के परिजन, अभाविप और हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में जाकर जमकर हंगामा किया।
जैसे ही इसकी सूचना लगी वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया और मामले को बमुश्किल शांत करवाया जा सका। बाद में स्कूल प्रशासन ने माफी मांगी और सभी बच्चों को प्रार्थना के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करवाया और पूरे स्कूल में जय श्रीराम के नारे भी लगवाए। तब जाकर सभी बच्चों का गुस्सा शांत हुआ। लेकिन सभी बच्चे जिन्होंने तिलक मिटाया था और दूसरे धर्म के भगवान को मानने की बात कही थी उन दोनों को स्कूल से निलंबित कर बाहर निकालने की बात पर अड़ गए।
बच्चों ने भी लगाए आरोप हमने शिकायत की तो नहंी लिया एक्शन
बच्चों ने बताया कि शिक्षिका हिन्दू धर्म के बारे में अर्नगल बाते करती है और कहती है कि तुम्हारे भगवान की पूजा करोगे तो तुम्हारे अंदर शैतान आ जाएगा जो तुम्हारा खून चूस जाएगा और हमारा तिलक मिटा देती है। जब यह बात सुनकर बच्चे सिस्टर से शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया और मैडम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद सभी बच्चे बाहर आ गए और विरोध जताने लगे और हिन्दू संगठन व अभाविप के लोगों के साथ बैठकर स्कूल परिसर में जयश्री राम के नारे भी लगाए।
अनुशासन के लिए कह सकते हैं, तिलक नहीं मिटा सकते
हंगामा के दौरान स्कूल पहुंचे लोगों ने कहा कि विद्यालयों में अनुशासन बनाए रखने के लिए छात्र-छात्राओं को एक-सा गणवेश पहनने के लिए कहा जा सकता है, लेकिन अगर कोई छात्र अपने जन्मदिन, पूजा-पाठ या किसी विशेष अवसर पर तिलक लगाकर विद्यालय आया है, तो उसे तिलक मिटाने के लिए नहीं कहा जा सकता।
तीन दिन में नहीं हुई कार्यवाही तो करेंगे आंदोलन
सूचना मिलने पर पहुंचे हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं का गुस्सा स्कूल प्रबंधन के माफी मांगने के बाद शांत तो हो गया। लेकिन उन्होंने उक्त शिक्षिकाओंं को स्कूल से निष्कासित करने की मांग की और इसके लिए तीन दिन का समय दिया है। यदि इसके बाद भी कार्यवाही नहंी होती है तो वृहद आंदोलन की चेतावनी भी दी।