दीनदयाल भोजन योजना : महाकाल मंदिर के अन्नक्षेत्र से पांच वितरण सेंटरों तक पहुंचाया जा रहा है भोजन
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्नक्षेत्र से दीनदयाल भोजन योजना के लिए भी भोजन प्रदाय किया जा रहा है। ऐसे तो यह योजना शासन की है और नगर निगम इसे संचालित करती है, लेकिन यहां पर भोजन महाकालेश्वर मंदिर से प्रदाय हो रहा है और नाम सरकार का हो रहा है।
शासन द्वारा गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए दीनदयाल रसोई योजना के भोजन बनाने की जिम्मेदारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के निशुल्क अन्नक्षेत्र को दी है। अन्नक्षेत्र से इसका संचालन 13 जुलाई से शुरू हो गया है। प्रतिदिन करीब एक हजार लोगों के लिए अन्नक्षेत्र में रोटी, सब्जी, दाल, चावल सुबह 11.30 बजे तक तैयार कर शहर के पांच सेंटरों नृसिंह घाट, नानाखेड़ा, फाजलपुरा, घासमंडी और जिला अस्पताल पर नगर निगम के वाहन से पहुंचाया जाता है।
हालांकि श्रावण सोमवार को सवारी के कारण भीड़ अधिक होने की समस्या के साथ ही अन्नक्षेत्र में केवल फलाहार प्रसाद बनाया जाता है, इसलिए सोमवार को भोजन की सप्लाई नही होती है। इसके अलावा मंगलवार से रविवार तक तैयार भोजन कंटेनर में पहुंचाया जाता है। दीनदयाल रसोई योजना के लिए भोजन तैयार कर शहर के पांच वितरण सेंटरों तक नगर निगम के वाहन से पहुंचाया जा रहा है।
28 सितंबर 2022 को यह योजना प्रारंभ हुई थी। करीब नौ महिने बाद 15 जून 2023 को बंद हो गई थी। हाल ही में 13 जुलाई से एक बार फिर योजना शुरू की गई है।
मंदिर समिति न शुल्क लेती है न खाद्यान
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के अन्नक्षेत्र में 28 सितंबर 2022 से दीनदयाल भोजन योजना के लिए भोजन बनाने की जिम्मेदारी दी थी। यह योजना करीब नौ महिने 15 जून 2023 तक चली। इस दौरान मंदिर समिति को खाद्य विभाग के माध्यम से प्रति माह 50 क्विंटल गेंहू और 50 क्विंटल चावल दिए जाना थे। लेकिन अनाज की क्वालिटी निम्र होने के कारण उसे साफ करवाने में काफी मेहनत होती थी, इस कारण मंदिर समिति ने गेहूं और चावल लेने से इंकार कर दिया था। भोजन तैयार करने के एवज में कोई राशि भी नही ली गई।
शासन द्वारा योजना के लिए 10 रुपए का अनुदान दिया जाता है। वहीं हितग्राही से 5 रुपए थाली लिए जाते है। इस बार 13 जुलाई से फिर योजना के लिए मंदिर समिति के अन्नक्षेत्र से भोजन बनाकर दिया जा रहा है।
सीमित संसाधन, उस पर भी बोझ
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के अन्न क्षेत्र में सीमित संसाधनों के बीच भोजन तैयार किया जा रहा है। कर्मचारी, मशीने आदि काफी लिमिटेड हैं। अन्न क्षेत्र पर प्रतिदिन करीब दो हजार के आसपास दर्शनार्थी रोज भोजन करते हैं। इसके अलावा एक हजार लोगों का भोजन नगर निगम को बनाकर देना कर्मचारियों के लिए काफी मुश्किल भरा होता है।