प्रस्तावित नागदा जिले में शामिल करने पर जताया विरोध
खाचरौद, अग्निपथ। विकासखंड के नागदा शहर को जिला बनाए जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नगर को प्रस्तावित नए जिले की तहसील के रूप में शामिल करने का विरोध भी शुरू हो गया है। खाचरौद अधिकार मंच ने खाचरौद को जिला बनाने या उज्जैन जिले में ही रहने देने की मांग उठाई है। इसके लिए उज्जैन कलेक्टर के नाम तहसीलदार खाचरौद को ज्ञापन दिया है।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा नागदा में जन सभा के दौरान नागदा को नया जिला बनाने की घोषणा की थी। उस दौरान यह भी कहा था कि जो तहसील चाहेगी उसे ही नए जिले में सम्मिलित किया जावेगा। इसके बाद से ही खाचरौद तहसील में विरोध के स्वर बुलंद होने लगे तथा नव प्रस्तावित नागदा जिले में सम्मिलित नहीं होने के लिये जनमत एकत्र होने लगा। पहले तो सोशल मिडिया पर और फिर ज्ञापन के समय प्रस्तावित नागदा जिले में खाचरौद को शामिल करने को लेकर ऐतजराज धरातल पर भी नजर आया।
खाचरौद को जिला मुख्यालय बनाने के लिए यह तर्क
- खाचरौद अधिकार मंच द्वारा ज्ञापन में बताया कि खाचरौद तहसील दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग के मुख्य ट्रेक पर स्थित होकर भौगोलिक दृष्टि से जिला मुख्यालय हेतु पुरी तरह से उपयुक्त हैं।
- खाचरौद में विकासखण्ड होकर 130 ग्राम पंचायत होने के साथ ही सभी प्रमुख शासकीय विभाग भी स्थित हैं।
- खाचरौद ग्वालियर स्टेट के समय से पुरानी तहसील होकर जिला बनने हेतु सभी आवश्यकता औपचारिकता एवं वैधानिकताओं को पूर्ण करता हैं। खाचरौद तहसील को जिला बनाया जाने हेतु पर्याप्त आधार होने के बावजुद भी खाचरौद की अनदेखी कर निरंतर उपेक्षा की जा रही है तथा खाचरौद तहसील के लोगों से परामर्श किये बिना खाचरौद तहसील को अन्यत्र जिले में जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है, जिससे जन आक्रोश हैं।
ये थे मौजूद
ज्ञापन देने के पूर्व समाज सेवी ऋतुराज बुड़ावनवाला, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष विजय सेठी, अनिल शर्मा, अनिल छाजेड़, निशित सिसौदिया अनोखीलाल भंडारी, प्रवीण नायक, भाजपा नेता लोकेन्द्र मेहता, अखिलेश शर्मा, सार्थक ग्रुप के अध्यक्ष मनीष शर्मा द्वारा जन समुदाय को संबोधित किया गया। ज्ञापन का वाचन खाचरौद अधिकार मंच के अखिलेश राठौर ने किया।
कार्यक्रम का संचालन जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अमित सेठी ने किया। आभार नितेश नाबेड़ा ने व्यक्त किया। ज्ञापन में मुख्य रूप से खाचरौद अधिकार मंच के योगेश बैरागी, मोनु बुड़ावनवाला, अंकित सौलंकी, गोलु जायसवाल, गौरव शर्मा, शिवम व्यास, सुनिल माहेश्वरी, अंकित राठौर सौलंकी, सुनिल मुंगिया, सीताराम वाक्तरिया, राहुल गुल्या एवं खाचरौद के अनेक धार्मिक एवं सामाजिक संगठन के साथ ही जागरूक युवा एवं जनता शामिल रहे।