यूडीए और नगर निगम के बीच विवाद से मामला अटका हुआ
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम और उज्जैन विकास प्राधिकरण के बीच मामला अटका होने की वजह से त्रिवेणी विहार योजनान्तर्गत हस्तारण के लिए 10 हैक्टेयर जमीन में विकसित भूखंडों के भवन निर्माण की अनुमति नगर निगम द्वारा नहीं दी जा रही है।
निगम अफसरों का कहना है कि यूडीए के द्वारा जरूरी निर्माण कार्य नहीं कराए गए हैं। इसके चलते निर्माण की अनुमति नियमों की अनदेखी के नहीं दी जा सकती है। वहीं यूडीए का दावा है कि वह जल्द ही निर्माण के काम को करा देगी। ताकि लोगों की समस्या का निराकरण हो सके। हालांकि यूडीए की तरफ से निगम को कई बार पत्र लिखकर संबंधितों को भवन निर्माण की अनुमति दिए जाने का आग्रह किया गया है।
नगर निगम को उक्त भवनों को हस्तातंरण के लिए अलग से कार्रवाई की जाने की जानकारी भी यूडीए सीईओ की तरफ से दी जा चुकी है। परन्तु फिर भी निगम के द्वारा भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है।
दो साल से निगम और यूडीए के चक्कर काट रहे हैं। अभी तक भवन निर्माण की अनुमति नहीं मिली है। चार महीने बाद मेरा रिटायर्डमेंट है। मकान नहीं बन पाएगा तो मैं कहा रहूंगा। क्योंकि सारी पूंजी यूडीए का मकान खरीदने में लगा दी है।
-शरद अग्रवाल, बैंक कर्मी भोपाल