उज्जैन, अग्निपथ। सावन के चौथे सोमवार पर भगवान महाकाल की सवारी शान से निकली। बिना किसी विघ्न-बाधा के सवारी अपने प्राचीन स्वरूप में परंपरागत मार्ग से निकली। शाम चार बजे पूजन के बाद सवारी महाकाल मंदिर से प्रारंभ हुई और रामघाट पहुंची। वहां पूजन के बाद पालकी भजन-मंडलियों के साथ राजकीय शानो-शौकत से शाम 7 बजे बाद मंदिर लौटी।
इस बार भगवान महाकाल चांदी की पालकी में उमा महेश के स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। पहले सशस्त्र सुरक्षाबलों ने बंदूकों से सलामी दी। इसके बाद राजाधिराज बाबा महाकाल प्रजा का हाल जानने निकले। सुरक्षा की दृष्टि से इस बार ज्यादा सख्ती बरती गई।
आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, महापौर मुकेश टटवाल और भाजपा नेता माखन सिंह ने सवारी का पूजन किया। पूजन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराई गई। एसपी सचिन शर्मा, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और नगर निगम कमिश्नर रोशन सिंह तीनों घोड़े पर बैठकर सवारी के आगे चल रहे थे।
5.45 बजे शिप्रा नदी पहुंची सवारी
बड़ी संख्या में श्रद्धालु सवारी में शामिल हुए है। जगह-जगह बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन किया जा रहा है। बाबा महाकाल के स्वागत के लिए सवारी मार्ग पर जगह-जगह रंगोली बनाई गई है। शाम करीब 5.45 बजे सवारी शिप्रा नदी पर पहुंची। यहां बाबा महाकाल का पूजन किया जा रहा है। पूजन के बाद सवारी गोपाल मंदिर के लिए रवाना होगी।
चार विभिन्न स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दिये
पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, बैलगाडी में गरूड पर शिवतांडव एवं बैलगाडी में नंदी पर श्री उमा-महेश के स्वरूप में विराजमान होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले।
प्रशासक संदीप सोनी, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, राजेंद्र शर्मा गुरू, श्रीराम पुजारी आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। इस दौरान सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आर.के तिवारी आदि उपस्थित थें। सभी गणमान्यो में पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण हेतु रवाना किया।
यह भी पढ़ेंः 3 लाख से अधिक भक्तों ने किये दर्शन