भाइयों ने दर्ज कराई थी लोकायुक्त में शिकायत
उज्जैन, अग्निपथ। चचेरे भाईयों से रिश्वत मांगने वाले पटवारी को न्यायालय ने मंगलवार को चार साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। पटवारी को लोकायुक्त टीम ने रंगेहाथ पकड़ा था।
लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष नवंबर 2016 में नानाखेड़ा से हल्का न बर 108 तहसील महिदपुर के पटवारी भैरूसिंह परमार को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया था। जिसके खिलाफ विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। सुनवाई पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश संजय ठाकुर द्वारा तत्कालीन पटवारी भैरूसिंह परमार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) डी, धारा 13 (2) और 7 में चार वर्ष की सजा सुनाई है।
रिश्वतखोर पटवारी पर पांच हजार का अर्थदंड भी किया गया है। जिसका जेल वारंट बनने पर जेल भेजा गया है। निरीक्षक श्रीवास्तव के अनुसार पटवारी ने महिदपुर के ग्राम जवासिया सोलंकी में रहने वाले चचेरे भाई कमल और तेजूलाल से उनकी भूमि गलती से सहकारी घोषित होने पर सुधार के एवज में 20 हजार की रिश्वत मांगी थी, चचेरे भाईयों और पटवारी के बीच 15 हजार में बात तय हुई थी।
दोनों भाई रिश्वत देना नहीं चाहते थे, जिसके चलते उन्होने लोकायुक्त कार्यालय आकर शिकायत दर्ज कराई थी। लोकायुक्त ने पटवारी को रंगेहाथ पकडऩे के लिये रिश्वत की पहली किश्त 5 हजार रूपये लेकर दोनों भाईयों को भेजा था।