पांच दिन से फरार खरीददार को तलाश रहे लोग
उज्जैन, अग्निथ। उज्जैन कृषि उपज मंडी की फल मंडी में इन दिनों व्यापारी को झांसा देकर खरीदने वाले सक्रिय हैं। इससे व्यापारी को लाखों रुपए की चपत लग रही है। पांच से दिन पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अब तक मामला पेंडिंग में चल रहा है।
फल व्यापारी गिरीश पंजवानी ने बताया कि 28 जुलाई को उनसे महिदपुर से एक व्यापारी फल खरीदने आया था। ढाई लाख के फल उसने खरीदे। साठ हजार नकद दिया और पौने दो लाख रुपए का चेक एचडीएफसी बैंक का दिया। उसने खाते में पैसे होने की जानकारी दी। परन्तु जब चेक लगाया तो चेक वापस आ गया। क्योंकि खाते में पैसे ही नहीं थे।
इसकी शिकायत चिमनगंज पुलिस थाने में की गई थी। पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। इससे पहले भी दो साल पहले इसी व्यापारी का वारंट चिमनगंज थाने से हो चुका है। परन्तु दो साल से इसे पुलिस तलाश नहीं कर पाई है।
चेक बाउंस के मामले में चार साल लगते हैं
इस मामले में व्यापारी का कहना है कि अगर वह निगोशिएबल एक्ट की धारा 138 के तहत चेक बाउंस का केस कोर्ट में लगाता है तो चार साल लग जाते हैं। इससे पहले उसे दो लाख पर 22 हजार रुपए फीस भी चुकानी पड़ती है। इसलिए पुलिस में शिकायत करके धोखाधड़ी का केस दर्ज करने के लिए आवेदन दिया जाता है।
मंडी से जुड़े व्यापारी मौखिक रुप से लेनदेन के सौदे करते हैं। इससे उनके पास किसी तरह का प्रमाण नहीं होता है। चेक के मामले में व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे निगोएिशबल इंस्ट्रूमेंटल एक्ट की धारा 138 के तहत कोर्ट में केस दर्ज कराएं। इस मामले में अभी जानकारी नहीं है।
-करण खोवाल, प्रभारी टीई चिमनगंज मंडी उज्जैन
किसान के मामले में मंडी समिति संबंधित व्यापारी की एफडीआर जब्त करके उसकी राशि दिलाती है। व्यापारी दलाल के माध्यम से मामल बेचता है। इसलिए ऐसे मामले में पुलिस को धारा 420 के तहत केस दर्ज कराना चाहिए। व्यापारी आवेदन देता है तो पुलिस के दर्ज कर लेती है। मंडी समिति सीधे इस मामले में दखल नहीं दे सकती है।
-प्रवीण वर्मा, उप संचालक , उज्जैन कृषि उपज मंडी बोर्ड सभांगीय कार्यालय, उज्जैन