दर्शन को आतुर भक्तों ने स्वागत में बरसाये पुष्प
उज्जैन, अग्निपथ। श्रावण के पंचम सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलें। सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में सर्व प्रथम भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई। पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया।
सवारी के निकलने के प्रारंभ में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज, महापौर मुकेश टटवाल, विधायक पारसचंद्र जैन, कलावती यादव अध्यक्ष नगर पालिक निगम उज्जैन, नगर निगम आयुक्त रोशन सिंह, प्रशासक संदीप सोनी, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, राजेंद्र शर्मा गुरु, राम पुजारी आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। इस दौरान सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आर.के तिवारी आदि उपस्थित थे। मार्ग में श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ पुष्प वर्षा की
भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य् द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की।
बाबा महाकाल की एक झलक के लिए असंख्य श्रद्धालु आतुर
श्रावण के पाँचवे सोमवार पर भगवान की सवारी के दौरान पूरी नगरी शिवमय हो गई। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों भक्त झांझ, मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य बजाते हुए महाकाल की आराधना करते हुए पालकी के साथ चल रहे थे। साथ ही उज्जैंन के बाहर से आये हुए भक्तगण बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची रामघाट पर श्री चन्द्रमोलेश्वर व श्री मनमहेश का मॉ क्षिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया।
पूजन -अर्चन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती का मंदिर, सत्येनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची। श्री गोपाल मंदिर पर परंपरानुसार सिंधिया स्टेट की ओर से गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन किया गया। इसके पश्चात सवारी गोपाल मंदिर से पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में सभी विग्रहों के पूजन-आरती पश्चात सवारी का विश्राम हुवा।
अगली सवारी 14 को
छठी सवारी 14 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा.महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद के साथ श्री घटाटोप मुखोटा सम्मिलित रहेगा।
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