उज्जैन, अग्निपथ। पाश्र्वनाथ सिटी के रहवासियों द्वारा सतत 13 दिनों से घरेलू बिजली कनेक्शन की मांग को लेकर कालोनी के मेन गेट देवास रोड पर क्रमिक भूख हडताल की जा रही है। सोमवार के आंदोलन का नेतृत्व सुभाष अहीर, प्रवीण देवलेकर, विजय पावसे, बाबूराम केन ने किया।
पाश्र्वनाथ सिटी रहवासी सहकारी संस्था के अध्यक्ष मनीष शर्मा, उपाध्यक्ष संजय अध्यापक व हेमंत काकाणी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जो डेवलपर सन 2007 में कालोनी विकसित करने के बाद 15 सालों में कालोनी की बिजली आपूर्ति की समस्या नहीं सुलझा पाया उसे फिर आज की मीटिंग में बुलाने का औचित्य क्या?
डेवलपर 150 किलोवाट का अस्थायी कनेक्शन लेकर बिजली की लुंजपुंज व्यवस्था कर नगर निगम से 2010 व 2014 में अलग अलग सेक्टर के पूर्णता प्रमाण पत्र ले चुका है किन्तु कालोनी में आज तक बिजली की स्थाई व्यवस्था नहीं की है। और इन्ही झूठे प्रमाणपत्र के आधार हाईकोर्ट से नगर निगम में बंधक 277 रहवासी प्लाट बंघक मुक्त करवाकर बेच डाले। डेवलपर्स म प्र विम, नगर निगम व रहवासियों को एक एक झुनझुना पकडा कर दिल्ली में ऐश कर रहे हैं और अधिकारी व राजनेता समस्याओं को सुलझाने में उलझते जा रहे हैं। कही आज फिर झांसे में आने के आसार तो नही है।
मनीष शर्मा का कहना है कि हमें तो नियामक आयोग के अधिनियम के अंतर्गत ही मप्र विधुत् वितरण कंपनी का कन्जूमर बनना है न कि ग्रिड का आश्वासन लेना है। इसके लिए प्रशासन व राजनेता सांसद निधि, विधायक निधि, पाश्र्वनाथ की जमा निधि से स्थायी हल निकालकर रहवासियों को समस्या से मुक्ति दिलवाए।
स्थायी व ठोस निर्णय न निकलने की स्थिति में रहवासियों के पास राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उर्जा मंत्री, जिलाधीश, मंत्रीजी के बंगले पर धरना-प्रदर्शन व आमरण अनशन के अलावा कोई विकल्प नही होगा। 7 मार्च के प्रदर्शन में ताराचंद सूर्यवशी, रमेश वशिष्ट, तेजप्रकाश शर्मा, प्रवीण सिंह झाला, मनोहर शर्मा, पंकज सिंघल, दिशा जैन, मिनी भार्गव, अंजू ज्ञानी, दूर्गा मिश्रा, अंजू दिवाकर, मनीषा पटेरिया, सीमा शिन्दे, बबीता साइमन उपस्थित थे।