उज्जैन, अग्निपथ। वीर दुर्गादास राठौड़ जी का जन्म 13 अगस्त 1638 में ग्राम सालवा मारवाड़ में दूनेवा जागीर के जागीरदार आसकरण जी के यहां हुआ था, आसकरण जी जोधपुर महाराज जसवंतसिंह के दरबार में मंत्री थे।
वीर दुर्गादास राठौड़ को मारवाड़ के उद्धारक, मारवाड़ के अणबिदिया मोती ,राठौड़ो के यूनिसेफ की उपाधियां दी गई थी । वे मारवाड़ साम्राज्य के राठौर राजपूत सेनापति थे । उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस 22 नवंबर 1718 को उज्जैन में मां शिप्रा किनारे ली जहां उनकी छतरी बनी हुई है ।
वीरदुर्गादास राठौड़ की छत्रीपर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री अनिलसिंह चंदेल जी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ठाकुर हरदयालसिंह एडवोकेट ,जिलाध्यक्ष-द्रुपदसिंह पवार,शहर अध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौड़, युवाविंग के शहरअध्यक्ष आनंदसिंह खींची एवं सर्वश्री मलखानसिंह दिखित, अनिलसिंह राजपूत, अर्जुनसिंह सिकरवार, तोमर इंद्रमणि सिंह, विजयसिंह ठाकुर, देवेंद्रसिंह राठौड़ ,युवराजसिंह पवार, प्रतीकसिंह बैस, पवनसिंह अटल, हेमंतसिंह डाबी ,तनुषसिंह परिहार ,हर्षसिंह राठौर आदि ने पुष्पांजलि अर्पित कर महान देशभक्त स्वर्गीय राठौड़ जी का पुण्य स्मरण किया।