नलखेड़ा, (राजेश कश्यप) अग्निपथ। समीपस्थ ग्राम गोंदलमऊ में प्राचीन महादेव मंदिर है स्थापित शिवलिंग पर 1111 शिवलिंग की आकृतियां उभरी हुई है। जिस पर एक बार अभिषेक करने पर 1111 अभिषेक करने का फल मिलता है। उक्त शिव मंदिर में कहीं चमत्कार हो चुके हैं जो आज भी ग्रामीणों की जुबान पर है।
बताया जाता है कि संपूर्ण मध्यप्रदेश में यह एक मात्र ऐसा शिवलिंग है जिस पर 1111 शिवलिंग की आकृतियां उभरी हुई है जिसे आज भी देखा जा सकता है या शिवलिंग लाल पत्थर से बना हुआ है। इसी प्रकार का एक शिवलिंग राजस्थान प्रांत में चंद्रभागा नदी के किनारे स्थित है।
नगर से करीब 16 किलोमीटर दूर ग्राम गोंदलमऊ में स्थित उक्त मंदिर गुप्तकालीन है महाशिवरात्रि पर यहां श्रद्धालुओं का मेला लगता है। ग्राम गोंदलमऊ के निवासी मांगीलाल भालोट व पूर्व सरपंच विट्टलप्रसाद पाटीदार तथा पवन भालोट ने बताया कि महाशिवरात्रि पर रात्रि में एक सफेद नाग मंदिर में आते हैं व शिवलिंग पर लिपट जाते हैं। वह अपनी साधना पूर्ण कर अदृश्य हो जाते हैं इन नाग देवता के दर्शन किसी किसी को होते हैं।
कई दंपतियों को मिला है वरदान
मंदिर के पुजारी बाबूलाल नागर ने बताया कि इस शिवलिंग पर अभिषेक करने पर 1111 अभिषेक करने का फल मिलता है। उन्होंने बताया कि यहां पर कहीं निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति हुई है। यहां श्रद्धालु जो भी मन्नत करता है उसकी हर मन्नत पूरी होती हैं।
प्राचीन है ग्राम गोंदलमऊ
ग्राम गोंदलमऊ ऊंची पहाड़ी पर बसा हुआ है। किंवदंतियो के अनुसार यह पुराने समय में तीर्थ स्थल रहा होगा। जो धूलकोट आने के कारण दब गया होगा। इसी कारण यहां खुदाई के दौरान पुरातन महत्व के अवशेष निकलते रहते हैं। कुछ वर्षों पूर्व एक स्थान पर खुदाई के दौरान जैन धर्म की प्राचीन मूर्तियां अवशेष में निकली थी। जो आज भी उज्जैन स्थित जयसिंहपुरा में जैन समाज के संग्रहालय में सुरक्षित हैं। यदि यहां पुरातत्व विभाग खुदाई करे तो और भी कहीं प्राचीन जानकारियां मिल सकती हैं।