छह साल पहले लोकायुक्त ने ट्रेप किया था आरक्षक के साथ
उज्जैन,अग्निपथ। राज्य सायबर सेल प्रभारी नरेंद्र गोमे और आरक्षक रमेश सुलिया को बुधवार शाम रतलाम के विशेष न्यायालय ने चार साल की सजा व अर्थदंड दिया है। दोनों को छह साल पहले रिश्वत लेते हुए पकड़ाने के मामले में फैसला सुनाकर कोर्ट ने जेल भेज दिया है।
डीआरपी लाइन स्थित राज्य सायबर सेल प्रभारी गोमे वर्ष 2015 में रतलाम के पिपलौदा थाने में टीआई थे। उनके साथ सुलिया आरक्षक था। गोमे व सुलिया को 18 फरवरी 2015 को लोकायुक्त ने ग्राम ईटावा माताजी निवासी छगनलाल से 10 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था।
प्रकरण में अब तक की सुनवाई के बाद बुधवार को विशेष न्यायधीश राजेंद्र कुमार दक्षणि ने फैसला सुनाया। उन्होंने दोनों को दोषी सिद्ध होने पर चार-चार वर्ष सश्रम कारावास और गोमे को छह हजार और सुलिया को चार हजार अर्थदंड भी दिया। फैसले के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। प्रकरण में शासन की ओर से डीडीपी सुशील कुमार जैन ने पैरवी की। याद रहे गोमे को उल्लेखनीय कार्य करने पर दिसंबर 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है।
ऐसे पकड़ाए थे घूस लेते हुए
छगनलाल से टीआई गोमे ने उसके पुत्र सतीश पर दर्ज केस के खात्मे के लिए 10 हजार रुपए मांगे थे। शिकायत होने पर लोकायुक्त ने कैमिकल लगे नोट देकर 18 फरवरी 2015 को उसे थाने भेजा था। यहां गोमे ने रुपए फाइल में रखवा लिए थे, जिसे ले जाकर सुलिया ने थाने के पीछे छीपा दिया था। लेकिन थाने के पास छुपे तात्कालीन डीएसपी मोहनसिंह सक्तावत ने टीम के साथ दोनों को रंगेहाथ पकड़ लिया था।