मंडी में लीज नवीनीकरण के मुद्दे पर व्यापारी लामबंद, 24 को हड़ताल की घोषणा

व्यापारी पुरानी शर्त लीज के पालन करने पर अड़े, मंडी प्रशासन नए नियम अनुज्ञप्ति के तहत काम करने पर अड़ा

उज्जैन, अग्निपथ। कृषि उपज मंडी में व्यापार करने वाले व्यापारी लीज नवीनीकरण नहीं किए जाने के मामले को लेकर लामबंद हो गए हैं। उन्होंने 24 अगस्त से अनिश्चितकालीन मंडी को बंद किए जाने की घोषणा कर दी है। इसके चलते अब मंडी समिति और व्यापारियों के बीच तनाव की स्थिति बन गई है। व्यापारी लीज के तहत नवीनीकरण कराना चाहते हैं। जबकि मंडी समिति अनुज्ञप्ति के तहत लाइसेंस देना चाहती है।

अनाज तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल,सचिव अनिल गर्ग ने बताया कि उज्जैन कृषि उपज मंडी समिति और भोपाल मंडी बोर्ड को उज्जैन के व्यापारियों ने लीज नवीनीकरण किए जाने की मांग की थी। तीन साल से व्यापारी इस मामले को लेकर आवेदन और संपर्क करके अपनी बात रख रहे हैं। परन्तु मंडी बोर्ड कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

उज्जैन ंमें किसान स मेलन में कृषि मंत्री कमल पटेल भी मंच से लीज नवीनीकरण की बात कह चुके हैं। परन्तु उज्जैन मंडी में उनके आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। मंडी अधिनियम 2009 के नाम पर व्यापारियों के काम में आनाकानी की जा रही है। उज्जैन में मंडी के व्यापारियों को लीज पर 90 साल के लिए प्लाट दिए गए थे। उस समय शर्त रखी गई थी कि हर 30 साल में लीज का नवीनीकरण किया जाएगा। व्यापारी उसी शर्त के मुताबिक लीज नवीनीकरण की मांग कर रहे हैं।

विवाद यहां से शुरू

वर्ष 2009 में मंडी अधिनियम में बदलाव हुआ है। इसके तहत मंडी में व्यापारियों को किरायदार के तौर पर प्लाट, दुकानें या गोदाम दिए जा रहे हैं। इससे पहले लीज के तहत संपत्ति दी जाती है। मंडी बोर्ड को लगता है कि पहले दी गई संपत्ति की कीमत अब लाखों रुपए की हो गई है इसलिए लीज के स्थान पर नए नियम के तहत संपत्ति दी जाए। इसका व्यापारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमने जब संपत्ति ली थी, तब उसकी कीमत कम थी। लाखों रुपए लगाकर संपत्ति को बढ़ाया है। इसलिए सरकार को पुरानी शर्त पर ही कायम रहते हुए लीज नवीनीकरण करना चाहिए।

नागपंचमी पर मंडी में अवकाश रहेगा, फल मंडी में होगी खरीदारी

नागमपंचमी पर अनाज मंडी में अवकाश रहेगा। जबकि फल और सब्जी मंडी में कामकाज होगा। उक्त जानकारी कृषि उपज मंडी समिति के सचिव उमेश शर्मा बसेडिया ने दी। उन्होंने बताया कि नागपंचमी पर अवकाश होने की वजह से किसान उपज लेकर न आए। सौदा पत्रक और एप के माध्यम से खरीदी कर सकते हैं। फल और सब्जी मंडी में कामकाज होगा।

इसलिए नाराज हैं व्यापारी

मंडी व्यापारियों का कहना है कि मंत्री कमल पटेल ने तुलावटी ह माल के मामले में जो घोषणा की थी कि वे किसान से तुलावटी ह माली न लेकर व्यापारी से लें। उसका पालन मंडी समिति कर रही है। व्यापारियों को निर्देश देते हुए पत्र भी निकाल दिया। परन्तु व्यापारियों के हित में जो मंत्री ने घोषणा की, उसकी पालना नहीं कर रही है। एक मंत्री के दो घोषणा पर अमल अलग-अलग करने का कारण समझ से परे है।

मंडी की स्थापना 1957 में हुई थी। 1972 में लीज नवीनीकरण के तहत प्लाट दिए गए थे। 2009 में नियम में परिवर्तन हुआ और अब अनुज्ञप्ति के आधार पर लाइसेंस दिए जाने लगे। नए नियम के विरोध के चलते एमडी विवेक अग्रवाल ने पुराने नियम से लीज देने के आदेश दिए थे। परन्तु बाद में आदेश को निरस्त कर दिया गया। व्यापारियों का दावा है कि मंत्री लीज की बात कह चुके हैं। परन्तु उनके आदेश पर पत्र नहीं आया है। इसलिए मामला उलझा हुआ है। 20-25 व्यापारी लीज का नवीनीकरण करा चुके हैं। -उमेश शर्मा बसेडिया, सचिव उज्जैन कृषि उपज मंडी, उज्जैन

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