यहां भी छीना है गरीबों का निवाला..!

खबरों के उस पार

कोरोना काल में जरूरतमंदों के भोजन की व्यवस्था के लिए केंद्र व राज्य सरकारों ने अलग-अलग मद से अनाज व भोजन की व्यवस्था की थी। जिसके वितरण में इंदौर में बड़ा घोटाला सामने आया है। माफियाओं ने 12 दुकानों से राशन की हेराफेरी कर ७९ लाख रुपए का घोटाला किया है। यह राशन करीब 51 हजार जरूरतमंदों में वितरित होना था। कलेक्टर ने जांच के बाद इसका खुलासा किया और फूड कंट्रोलर सहित करीब 31 लोगों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम में कार्रवाई की गई है।

इस तरह के घोटाले उज्जैन में भी हुए हैं, अगर सूक्ष्मता से जांच की जाए तो यह उजागर हो सकते हैं। लाकडाउन के दौरान खाद्य विभाग ने भोजन वितरण करने वाली कई संस्थाओं को अनाज वितरित किया था। इन संस्थाओं में से कुछ ने शहर में राशन वितरित किया तो कुछ ने भोजन बनाकर पैकेट वितरित किए थे।

प्रशासन और दानदाताओं की मदद से यह सिलसिला चला था। शहर की एक संस्था ने राशन और मदद से प्रशासन ली, लेकिन भोजन वितरण इंदौर व अन्य कस्बों में करने की बात सामने आई थी, जो बाद में दबकर रह गई। अगर जांच होती है तो एक और बड़ा राशन घोटाला सामने आ सकता है।

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