अनाज तिलहन संघ चुनाव अब प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से कराने पर सहमति

चुनाव के लिए संविधान में बदलाव के लिए आठ लोगों की कमेटी बनाई

उज्जैन, अग्निपथ। अनाज तिलहन संघ के चुनाव अब डायरेक्ट होंगे। यानी व्यापारी अध्यक्ष से लेकर पदाधिकारी और 11 सदस्यों का चुनाव मतदान के जरिए करेंगे। इस पर सहमति बन गई है। अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल ने साधारण सभा में सभी व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि वे संविधान बदलाव किए जाने के संबंध में कानूनी सलाह दो दिन में लेकर फैसला ले लें।

वहीं लीज नवीनीकरण के मामले का निराकरण नहीं होने पर 24 अगस्त से मंडी में अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसले पर अमल किए जाने पर सहमति बनी है। हालांकि इस फैसले पर अमल से पहले भोपाल में अफसरों से चर्चा के लिए आठ सदस्यों की समिति बनाई गई है। जो अंतिम फैसला लेगी। साधारण सभा में सदस्यों ने मंडी में गंदगी, अंधेरा और चोरी की वारदातों पर नाराजगी जताते हुए समिति को आड़े हाथों लिया।

सदस्यों का कहना है कि संगठन अपनी प्रभावी भूमिका नहीं निभा रहा है। इससे समस्या निराकरण नहीं हो पा रहा है। इस पर संगठन की तरफ से बताया गया कि तीन पर मंडी कमेटी को पत्र लिखा गया है। परन्तु कमेटी ध्यान नहीं दे रही है।

इशारे में बोली पर विरोध

मंडी के व्यापारी नीलामी के दौरान इशारे से फसल की नीलामी के दौरान इशारे से खरीदी करते हैं। इसको लेकर व्यापारियों ने नाराजगी जताई और इसे रोकने की बात कही। वहीं एक लाइसेंस पर एक ही व्यक्ति के व्यापार करने का मुद्दा भी साधारण सभा में उठा और सदस्यों ने कहा कि इस पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।

भोपाल यह आठ सदस्य जाएंगे चर्चा करने

24 अगस्त से अनिश्चितकाली हड़ताल से पहले उज्जैन से आठ व्यापारियों का दल भोपाल जाएगा। इसमें मनीष जैन गावडी, राजेंद्र राठौर, जितेंद्र अग्रवाल, संतोष गर्ग, हजारीलाल मालवीय, दिनेश भायल, नीमेष अग्रवाल, मुकेश हरभजनका शामिल हैं।

पांच सवालों से फिर घेरा पदाधिकारियों को

साधारण सभा में समरेश अग्रवाल ने पदाधिकारियों को घेरा। उन्होंने पूछा कि माहेश्वरी समाज 1300 लोगों का भोजन डेढ़ लाख में करा देता है। वहीं मंडी में लाखों रुपए का बिल क्यों बनता है। संगठन के पैसों को दुरुपयोग क्यों किया जाता है। व्यापारी कर चुकाते हैं तो उनका 25 लाख का बीमा सरकार के माध्यम से क्यों नहीं कराया जाता है। ताकि उनके परिवार को भी लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि पिछली साधारण सभा में प्रत्यक्ष मतदान के जरिए चुनाव का प्रस्ताव किया गया था। फिर अब तक उस पर क्यों अमल नहीं किया गया। वर्तमान बोर्ड सदस्यों को गुमराह क्यों कर रहा है। अभी मंडी के व्यापारी दूसरे व्यापारी की जमानत पर अपना ब्लैंक चेक देता है। यह व्यवस्था बदली जानी चाहिए।

दूसरे की जि मेदारी पहले से काम करने वाले पर क्यों डाली जाती है। अगर व्यापारी गड़बड़ करता है तो इमानदारी से काम करने वाला उसका भुगतान क्यों करे। यह समस्या आने वाले वर्ष 2024 में बढ़ जाएगी। इसलिए इसमें बदलाव किया जाए। उन्होंने प्रत्येक पदाधिकारी, बोर्ड के सदस्य से पूछा कि वह दो साल में कराए गए 10 -10 काम बताए । ताकि आने वाले समय में अगर वह फिर से चुनाव में खड़ा होता है तो उसके विषय में व्यापारी विचार कर सके। अग्रवाल ने सुरक्षा निधि, ब्याज के विषय में भी साधारण सभा को अवगत कराने की मांग रखी।

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