महाकाल पुलिस ने चार दिन बाद दर्ज किया मुकदमा
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम की अधिकृत सशुल्क वाहन पार्किंग से बाइक चोरी होने की घटना सामने आई है। मामले में वाहन पार्किंग ठेकेदार ने खुद की जिम्मेदारी से बचते हुए हाथ खड़े कर दिये हैं। महाकाल पुलिस ने भी घटना के चार दिन बाद मामले में प्रकरण दर्ज किया है।
यह घटना रामघाट क्षेत्र स्थित पार्किंग की है। यहां पर नगर निगम द्वारा पार्किंग संचालित की जा रही है। इस पार्किंग में 16 अगस्त को दोपहर 1.३० बजे इंदौर की देपालपुर तहसील के फुलान गांव निवासी दिनेश पिता कैलाश गिरी ने अपनी बाइक पार्क की थी। इन्होंने पार्किंग संचालक को 20 रुपए देकर रसीद भी प्राप्त की।
इसके बाद वे पत्नी गंगाबाई के साथ पूजन के लिए रामघाट चले गये। आधे घंटे बाद जब वे लौटे तो पार्किंग से उनकी बाइक गायब थी। संचालक से बात की तो उसने अपनी जबावदारी स्वीकार करने से इंकार कर दिया।
पुलिस ने भी पार्किंग संचालक को बख्शा
16 अगस्त को ही घटना के तुरंत बाद दिनेश गिरी महाकाल थाने पहुंचे तो पुलिस ने उनका आवेदन ले लिया और पार्किंग संचालक को बुलाया। पुलिस के समक्ष संचालक ने दो दिन में बाइक तलाशने का आश्वासन दिया। नहीं मिलने पर हर्जाना देने का भी का। लेकिन 20 अगस्त रविवार तक पार्किंग संचालक न तो बाइक तलाश पाया और न ही हर्जाना देने को तैयार हुआ। हरि गिरी ने फिर महाकाल थाने का रुख किया तो पुलिस ने पार्किंग संचालक को बचाते हुए अज्ञात के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया।
पार्किंग ही सुरक्षित नहीं तो कहां खड़ा करें वाहन
इस पूरी घटना में एक बात तो साफ है कि शासन द्वारा तय पार्किंग भी सुरक्षित नहीं है। यहां पर वाहनों में आये दिन तोडफ़ोड़ की घटनाएं तो हो रही थी, लेकिन अब वाहनों की चोरियां भी हो रही हैं। वाहन की सुरक्षा के लिए ही यहां रुपए देकर गाडिय़ां पार्क की जाती हैं। लेकिन शासकीय पार्किंग ही सुरक्षित नहीं रहेंगी तो वाहन कहां पार्क किये जायें।