नागचंद्रेश्वर के दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
उज्जैन, अग्निपथ। सावन के सातवें सोमवार 21 अगस्त को बाबा महाकाल और नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट रविवार आधी रात को खोल दिए गए। ये पट साल में एक बार नागपंचमी पर ही खोले जाते हैं। सबसे पहले श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज ने त्रिकाल पूजन और अभिषेक किया। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोल दिया गया।
उज्जैन में साल में एक बार नाग पंचमी के अवसर पर खुलने वाले भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के पट रात्रि 12 बजे शुभ मुहूर्त में खोले गए । मंदिर के पट खुलने के बाद सर्वप्रथम पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री विनीतगिरी महाराज ने विधि-विधान से श्री नागचंद्रेश्वर भगवान का पूजन-अर्चन किया ।
इस अवसर पर मंदिर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, प्रशासक संदीपकुमार सोनी, समिति सदस्य राजेन्द्र शर्मा गुरू और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद थे ।
श्री नाग चंद्रेश्वर की प्रतिमा के पूजन के पश्चात श्री नागचंद्रेश्वर के शिवलिंग का पूजन और अभिषेक किया गया। पूजन अर्चन के बाद भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। साल में एक बार खुलने वाले भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए 20 अगस्त की शाम से ही कतार में लगकर श्रद्धालु पट खुलने का इंतजार कर रहे थे ।
तीन से चार घंटे में हुए दर्शन
दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर लाइन में लगकर बैरिकेड से हरिसिद्धि माता मंदिर और फिर बड़े गणेश मंदिर होते हुए श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचें। मंदिर प्रशासन ने यहां तक जाने के लिए पिछले साल बनाए गए ब्रिज से ही व्यवस्था की थी। चारधाम से लाइन में लगने के बाद करीब एक घंटे में दर्शन का दावा मंदिर समिति ने किया था। लेकिन जो दर्शनार्थी रात 3 बजे लाइन में लगे थे वो सुबह 7 बजे बाहर निकले।