बोरे में बंद मिली लाश का खुलासा, तलवार बरामद
उज्जैन, अग्निपथ। बोरे में बंद मिली लाश के मामले में मंगलवार को पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया। डेढ़ लाख रूपयों के विवाद में तीनों ने तलवार से हत्या करने के बाद लाश को बोरे में बंद कर फेंका था। तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है।
15 अगस्त को राघवी थाना क्षेत्र के ग्राम महुडी में बोरे में बंद 8 दिन पुरानी लाश पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर बरामद की थी। मृतक की पहचान नरेन्द्र पिता मुरलीसिंह तंवर (25) ग्राम खेड़ाखजूरिया के रुप में हुई थी। परिजनों ने डेढ़ लाख के लेनदेन में गांव के रहने वाले सुनील और बलराम पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और परिजनों के बयान दर्ज कर दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में दोनों ने अपने तीसरे साथी के साथ मिलकर तलवार से हत्या करना कबूल कर लिया।
आरोपियों ने बताया कि रूपयों को लेकर नरेन्द्र ने उन्हे अपशब्द कहे थे, जिसके चलते उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने साथी को हिरासत में लेने के बाद मामले का खुलासा करते हुए तीनों को न्यायालय में पेश कर जेल ोज दिया। पुलिस के अनुसार मृतक नरेन्द्र ने सुनील को डेढ़ लाख रूपये उधार दिये थे। जिसे काफी समय से लौटाने का दबाव नरेन्द्र बना रहा था। 7 अगस्त को सुनील ने उसे फोन कर बुलाया।
उस वक्त नरेन्द्र अपने पिता का उपचार आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में करा रहा था। वह बस में सवार होकर खेड़ा खजूरिया पहुंचा जहां मंडी के पीछे तीनों से तलवार से हमला कर हत्या कर दी और लाश को बोरे में बंद कर दिया। 2 दिनों तक लाश वहीं छुपाकर रखी और तीसरे दिन महुड़ी में अंतरसिंह के कुए के पास फेंककर गांव लौट आये। ग्रामीण एएसपी नितेश भार्गव ने बताया कि हत्या में प्रयुक्त तलवार और जिस बाइक का उपयोग लाश फेंकने में किया गया था, उसे जब्त किया गया है।
चिमनगंज में दर्ज कराई थी गुमशुदगी
नरेन्द्र के आरडी गार्डी से लापता होने के बाद परिजनों ने चिमनगंज थाने पहुंचकर उसकी गुमशुगदी दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस गुमशुदगी दर्ज करने के बाद नरेन्द्र की तलाश नहीं कर पाई। 15 अगस्त को ग्रामीणों ने दुर्गंध आने पर अंतरसिंह के खेत में देखा तो बोरा दिखाई दिया। जिसमें एक युवक का शव था। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। इधर 8 दिनों से नरेन्द्र की तलाश कर रहे परिजनों को अज्ञात शव मिलने की जानकारी लगी तो मौके पर पहुंचे। भाई महिपाल ने कपड़ो से नरेन्द्र के रूप में शिना त कर सुनील और बलराम पर हत्या का संदेह जताया था।