महाआयोजन समिति ने कहा पीओपी के स्थान पर मिट्टी से निर्मित गणेश जी का ही पूजन हो
उज्जैन, अग्निपथ। लोकमान्य तिलक गणेश उत्सव महाआयोजन समिति द्वारा इस वर्ष भी उज्जैन शहर में लगभग 350 स्थानों पर सार्वजनिक मंडलों में मिट्टी से निर्मित गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करेंगे, जिनका पंजीयन हो चुका है। संस्था के प्रशिक्षकों कार्यशाला का शुभारंभ भी 10 अगस्त से कर दिया गया है। जो मिट्टी से निर्मित गणेश जी की प्रतिमा बनवाने का प्रशिक्षण प्रत्येक स्कूल, प्रत्येक समाज, शहर की अनेक सामाजिक सार्वजनिक संस्थाओं के माध्यम से यह कार्य करवा रहे हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में उक्त जानकारी देते हुए संयोजक अनिल जैन कालुहेडा़ ने बताया कि विगत 10 वर्षों के प्रयास में अब तक शहर के 350 सार्वजनिक पांडाल में मिट्टी से निर्मित प्रतिमाओं को विराजित करने में सफलता मिली है और हजारों परिवार अपने घर में मिट्टी से निर्मित गणेश जी की पूजन करने लगे हैं। हमारा उद्देश्य है की पीओपी के स्थान पर मिट्टी से निर्मित गणेश जी का ही पूजन हो और हम इस प्रयास में सफल हो रहे हैं।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से सुलभ शांतु गुरु, सुरेंद्र सिंह अरोरा, रामेश्वर पाटीदार, मुकेश यादव, सचिन सक्सेना, दिनेश जाटवा, ऋषि वर्मा आदि उपस्थित थे। संचालन सहसंयोजक जगदीश पांचाल ने किया एवं आभार दिनेश जाटवा ने माना।
अनिल जैन कालुहेडा़ ने कहा कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) 19 सितंबर 2023 को है, इस दिन से भगवान श्री गणेश जी का 10 दिवसीय आराधना पर्व मनाया जाएगा। जिसमें प्रत्येक परिवार में प्रत्येक संस्थानों में और आजकल तो अनेक सार्वजनिक स्थलों पर सार्वजनिक सामाजिक संस्थाओं के द्वारा भी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है
लेकिन हम देख रहे हैं कि विगत कई वर्षों से गणेश जी की परंपराओं को जो की मिट्टी से निर्मित गणेश जी की स्थापना का मान्य प्रावधान है उसके स्थान पर पीओपी जो की एक रसायन से निर्माण किया जा रहा है। पीओपी के कारण जहां पर हमारा पर्यावरण संतुलन बिगड़ा है वहीं पर जब मूर्तियों का विसर्जन होता है तो हमारी भावनाएं भी आहत होती है।
इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए विगत 10 वर्षों से हम मिट्टी से निर्मित गणेश जी की स्थापना हो इस हेतु हमारे अपने नगर के लगभग 350 सार्वजनिक पंडालों में स्थापित हेतु नि:शुल्क रुप से मूर्तियां उपलब्ध कराते हैं । यह भी एक कीर्तिमान उज्जैन के खाते में आया है जहां पर वर्ष 2018 में एक साथ 4000 से अधिक विद्यार्थियों एवं समाज सेवीयों के द्वारा अपने हाथ से गणेश जी की प्रतिमा का निर्माण किया गया और अपने घर पर अपने हाथों से निर्मित गणेश जी की स्थापना एवं पूजन करने के उपरांत एक साथ अनंत चतुर्दशी के अवसर पर उनका विसर्जन किया गया।
कालूहेड़ा ने कहा कि हम उन सभी संस्थाओं का अभिनंदन करते हैं इसमें हमारे उज्जैन के प्रेस और मीडिया का भी बहुत ही सकारात्मक सहयोग मिलता है और वह भी हमारी संस्था के द्वारा प्रदान किए जाने वाले मिट्टी के गणेश जी की ही स्थापना अपने कार्यालयों पर करते हैं हम उनका भी अभिनंदन करते हैं।