उज्जैन, अग्निपथ। रक्षाबंधन का पर्व बुधवार को मनाया जायेगा। उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के आंगन में सबसे पहले त्यौहार मनाए जाने की परम्परा है। रक्षाबंधन का पर्व भी सबसे पहले श्री महाकाल मंदिर में मनाया जाएगा। सुबह भस्म आरती में बाबा महाकाल को राखी बांधी जाएगी। इसके बाद भगवान को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया जाएगा। सुबह दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को लड्डू का प्रसाद वितरित होगा। इसके लिए लड्डू बनकर तैयार है।
पुजारी परिवार के यश गुरु, माधव गुरु ने बताया उज्जैन की परंपरा अनुसार रक्षाबंधन का पर्व सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में मनेगा। हालांकि भद्रा के कारण रात को राखी का पर्व मनाया जाएगा। लेकिन महाकाल को पुजारी परिवार की महिलाएं अलसुबह भस्म आरती में राखी बांधेगी।
रक्षाबंधन पर्व पर पुजारी परिवार भस्मारती में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर शृंगार के बाद राखी अर्पित करेंगे। पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया परंपरा अनुसार पुजारी परिवार की महिलाएं भी घर से रखी लाकर भगवान को बांधेंगी।
भस्मारती के बाद लड्डुओं का भोग
30 अगस्त बुधवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी परिवार द्वारा बाबा महाकाल को लड्डूओं का महाभोग लगाया जाएगा। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इसी क्रम में इस बार भी भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार द्वारा राजाधिराज महाकाल को लड्डू का भोग अर्पण किया जाएगा। सुबह से रात तक दर्शन के लिए मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को यह लड्डू प्रसाद वितरित किया जाएगा। मंदिर के गर्भगृह से लेकर नंदीहॉल तक फूलों से सेजगा।
45 लोगों की टीम ने चार दिन में तैयार किये लड्डू
सवा लाख लड्डुओं को महाकाल मंदिर के प्रोटोकॉल ऑफिस के पास बने हाल में तैयार किया गया। जिसे बनाने के लिए 45 लोगो की टीम लगी। इंदौर के बाबू हलवाई ने बताया कि सवा लाख लड्डुओं के लिए 25 किंवटल बेसन,25 किंवटल शक्कर,20 किंवटल शुद्ध घी,4 किंवटल काजू,डेढ़ किंवटल काजू,डेढ़ किंवटल किशमिश,50 किलो इलाइची का उपयोग कर तैयार किये गए।