महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनार्थियों से भेदभाव, सामान्य दर्शनार्थी एक झलक को तरस रहे
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी कल्चर इतना बढ़ता जा रहा है कि आम दर्शनार्थियों को भगवान महाकाल की एक झलक भी देखने को नहीं मिल रही है। रक्षाबंधन को भी मंदिर में यही हालात रहे।
रक्षाबंधन पर दूर-दूर से लोग भगवान श्री महाकाल के दर्शन की आस में उज्जैन आये थे। सामान्य दर्शनार्थियों की सुबह से ही काफी भीड़ थी। लेकिन अधिकतर लोगों की शिकायत है कि उन्हेंं ठीक से दर्शन भी नहीं हुए। एक-डेढ़ घंटे कतार मेें लगकर जब वे नीचे गणेश मण्डपम की बेरिकेटस में पहुंचे तो उन्हें वहां से धक्का देकर आगे कर दिया गया।
आगे गर्भगृह के सामने वीआईपी और मंदिर से जुड़े लोगों के परिवारजनों का डेरा लगा रहा। इस कारण वे लोग भगवान महाकाल की एक झलक भी नहीं देख पाये और धक्का खाकर बाहर आ गये।
गर्भगृह द्वार पर फोटो सेशन चलता रहा
वीआईपी व परिजनों ने रक्षाबंधन पर न सिर्फ गर्भगृह के द्वार तक जाकर दर्शन किये बल्कि दर्शन के बाद वे लोग गर्भगृह के गेट पर ही फोटो सेशन भी करते रहे। इस दौरान पीछे खड़े लोगों को भगवान महाकाल के दर्शन भी नहीं मिले।
लड्डू प्रसाद वितरण में भी वीआईपी-कल्चर
बुधवार को पुजारी परिवार ने भगवान श्री महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया था। आम दर्शनार्थियों को प्रसादी वितरण की व्यवस्था जूना महाकाल मंदिर के पीछे निर्गम द्वार पर बनाई गयी थी। यहां भी वीआईपी कल्चर नजर आया। यहां पर पुजारी दिलीप गुरु वीआईपी को पीछे से लड्डू प्रसाद दे रहे थे, जबकि आम दर्शनार्थी लंबी कतार में लगकर धक्का खाने के बाद प्रसाद ले पा रहे थे।