शनिवार, रविवार और सोमवार को पुजारी पुरोहित यजमान को नहीं ले जा पाएंगे नंदीहाल में

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में नई व्यवस्था के तहत अब सप्ताह में तीन दिन पुजारी-पुरोहितों को यजमान को दर्शन कराने के लिए पर्ची सुविधा बंद रहेगी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्णय पर नंदीहाल में बैरिकेडिंग की गई है, ताकि गणपति मंडपम की रैलिंग से दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन हो सकें।

सप्ताह के 3 दिन शनिवार, रविवार और सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए महाकालेश्वर मंदिर पहुंचते हैं। यहां तक कि इनकी संख्या 30 हजार से भी अधिक हो जाती है। नई व्यवस्था के तहत पुजारी-पुरोहितों को भगवान महाकाल के अपने यजमानों को दर्शन कराने के लिए नंदीहाल में प्रवेश व्यवस्था दी गई है। जिसके तहत प्रोटोकॉल द्वारा दो सफेद पर्ची उपलब्ध कराई जा रही हैं। आगामी शनिवार, रविवार और सोमवार को इस व्यवस्था को बंद करने का निर्णय लिया गया है। केवल 3 दिन पुजारी-पुरोहितों को यजमान को दर्शन कराने के लिए सफेद पर्ची उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।

व्यवस्था होती है भंग

शनिवार, रविवार और सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को मंदिर पहुंचते हैं। सफेद पर्ची से पुजारी-पुरोहित अपने यजमान को नंदीहाल में प्रवेश कराकर व्यवस्था बिगाड़ते हैं। श्रद्धालुओं को महाकाल भगवान के गर्भगृह की दहलीज तक पहुंचाने का प्रयास भी किया जाता है। ऐसे में नंदीहाल और गर्भगृह के आसपास अव्यवस्था का माहौल बन जाता है और गणपति मंडपम की रैलिंग से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन नहीं हो पाते हैं। इसी कारण से मंदिर प्रबंध समिति द्वारा पुजारी-पुरोहितों की सफेद पर्ची दर्शन व्यवस्था शनिवार, रविवार और सोमवार को बंद करने का निर्णय लिया गया है। बाकी 4 दिन यह व्यवस्था पूर्व की तरह चालू रहेगी।

16 पुजारी, 22 पुरोहित

महाकालेश्वर मंदिर में 16 पुजारी और 22 पुरोहित भगवान महाकाल का परंपरागत पूजन पाठ करने के साथ ही श्रद्धालुओं का अभिषेक पूजन भी करवाते हैं। इन सभी को प्रतिदिन दो पर्चियां प्रोटोकॉल शाखा से जारी की जाती हैं। जिनको लेकर यजमान को नंदीहाल से महाकाल दर्शन कराया जाकर उनका अभिषेक पूजन संपन्न कराया जाता है। इनमें से कुछ पुजारी-पुरोहित इसका बेजा फायदा उठाकर अपने यजमान को गर्भगृह की दहलीज तक पहुंचा कर दर्शन करवा देते है।ं जिससे अव्यवस्था पैदा हो जाती है और अन्य श्रद्धालु भी भगवान महाकाल की दहलीज तक पहुंचने का प्रयास करना शुरू कर देते हैं।

बैरिकेड लगने से दर्शन सुविधा हुई बेहतर

पूर्व में नंदीहाल में श्रद्धालु पूर्व में बीच में खड़े होकर भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे थे जिसके चलते गणपति मंडपम की रैलिंग से दर्शन कर रहे श्रद्धालु भगवान महाकाल की एक झलक भी नहीं देख पाते थे। दैनिक अग्निपथ में खबर प्रकाशन के बाद मंदिर समिति अध्यक्ष और कलेक्टर एवं मंदिर प्रशासक द्वारा इस परेशानी पर संज्ञान लेते हुए उनके द्वारा अनुमति प्राप्त श्रद्धालुओं को ही दर्शन सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश प्रदान किए थे।

इसका पालन बुधवार से शुरू भी हो गया था। अब निश्चित संख्या में वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन कराए जा रहे हैं। गुरुवार को नंदीहाल में एक नई व्यवस्था लागू की गई। सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी ने नंदी प्रतिमा के पीछे तीनों ओर से बैरिकेडिंग करवा दी है। ऐसे में श्रद्धालु अब बीच में नहीं खड़ा हो पा रहा है। आसपास से वह भगवान महाकाल के दर्शन कर रहा है। ऐसे में पीछे के गणपति मंडपम की रैलिंग से दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं को आसानी से भगवान महाकाल के दर्शन हो रहे हैं।

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