ठेका हुआ निरस्त: कम संख्या देखकर सिगमा कंपनी ने नहीं लिया सुरक्षा का ठेका

केवल 35 सुरक्षाकर्मियों को देखकर हाथ खींचा, हाऊसकीपिंग में 110 कर्मचारी

उज्जैन, अग्निपथ। जून माह में जिला अस्पताल की हाऊसकीपिंग और सिक्योरिटी की फायनेंशिल बीड खोली गई थी, जिसमें यश गोविंद मार्केटिंग उज्जैन और सिगमा इन्फोटेक भोपाल ने बाजी मारी थी। हाऊसकीपिंग में दो कंपनियां एल-1 श्रेणी में आ रही थीं।

जिसमें यश गोविंद कंपनी को 5 नंबर कायाकल्प अवार्ड के अधिक मिलने पर ठेका दे दिया गया था। नियमानुसार 1 जुलाई से यश गोविंद को और 1 अगस्त से सिगमा इन्फोटिन भोपाल को ठेका संभाल लेना चाहिये था। यश गोविंद ने तो ठेका संभाल लिया पर सिगमा इन्फोटिन ने ठेका नहीं संभाला लिहाजा उसका ठेका निरस्त कर दिया गया है।

अप्रैल माह में जिला अस्पताल में सिक्योरिटी और हाऊसकीपिंग के टेंडर डाले गये थे। इनमें से सिक्यूरिटी में 8 तो हाऊसकीपिंग में 10 कंपनियों ने भाग लिया था। जिसमें सिक्यूयर्ड सिक्योरिटी सर्विसेज रायपुर, कामथेन सिक्यूरिटी सर्विसेज इंदौर, शिवम बुंदेलखंड इंदौर, सिगमा इन्फोटीन भोपाल, यश गोविंद मार्केटिंग उज्जैन, कृष्णा सिक्योरिटी भोपाल, ईगल सिक्योरिटी सर्विस भोपाल, सीआईएस सिक्योरिटी सर्विस मुंबई ने भाग लिया था।

वहीं हाउसकीपिंग में सिक्यूयर्ड सिक्योरिटी सर्विसेज रायपुर, सिगमा इन्फोटेक भोपाल, कामथेन सिक्यूरिटी सर्विसेज इंदौर, शिवम बुंदेलखंड इंदौर, यश गोविंद मार्केटिंग उज्जैन, ईगल सिक्योरिटी भोपाल, श्री रानी सती वाराणसी, कृष्णा सिक्योरिटी भोपाल, भारत सिक्योरिटी एजेंसी सिंगरौली और न्यू बुंदेलखंड इंदौर शामिल हुईं थीं।

हाऊसकीपिंग का बड़ा ठेका लेना चाहती थी

हाऊसकीपिंग में जो कंपनियां एल-1 श्रेणी में आई थीं। इनमें कृष्णा सिक्यूरिटी भोपाल और यश गोविंद मार्केटिंग उज्जैन के बीच कड़ी टक्कर हुई क्योंकि दोनों को दस्तावेजों और शर्तों पर खरा उतरने पर एक जैसे 85 नंबर प्राप्त हुए थे। लेकिन यश गोविंद कंपनी इसमें बाजी मार ले गई। जिला अस्पताल को कायाकल्प अवार्ड दिलाने में यश गोविंद कंपनी की भी हिस्सेदारी रही, लिहाजा इसको 5 नंबर अतिरिक्त देकर टेंडर समिति ने हाऊसकीपिंग का ठेका दे दिया।

वहीं सिगमा इन्फोटिन भोपाल ने केवल सर्विस टैक्स और रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज जमा नहीं किये थे। केवल एक कागज के कारण इसका ठेका नहीं हो पाया। वहीं शिवोम बुंदेलखंड इंदौर भी एल-1 श्रेणी में आई थी। वहीं सिक्योरिटी का ठेका सिगमा इन्फोटिन को एल-1 श्रेणी में आने पर दे दिया गया था।

यश गोविंद ही संभाल रही ठेका

जानकारी के अनुसार 1 अगस्त से सिगम इन्फोटिन कंपनी को सुरक्षा का ठेका संभाल लेना चाहिये था। लेकिन सुरक्षाकर्मियों की कम सं या को देखते हुए कंपनी ने ठेका लेने से इंकार कर दिया। उसको आशा थी कि हाऊसकीपिंग का बड़ा ठेका उसको मिल जायेगा, पर ऐसा नहीं हो पाया। ऐसी स्थिति में रोगी कल्याण समिति अध्यक्ष और कलेक्टर ने सिगमा कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया।

पूर्व से सुरक्षा का ठेका संभाल रही यश गोविंद मार्केटिंग कंपनी के अंडर में जिला, चरक, माधव नगर, जीवाजीगंज सहित अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सुरक्षाकर्मी वर्तमान में कार्यरत हैं। बताया जाता है कि जिन चार कंपनियों के साथ सिगमा कंपनी फायनेंशिल बीड में पहुंची थी, उसमें से एल-2 स्तर की कंपनी को ठेका दिया जा सकता है।

सिक्योरिटी में मात्र 35 सुरक्षाकर्मियों की सेवा

हाऊसकीपिंग में जिला, माधव नगर और चरक अस्पताल को मिलाकर 110 सफाई कर्मचारी हैं। वहीं सिक्योरिटी में तीनों ही अस्पतालों में 35 सुरक्षाकर्मियों के लिये ठेका दिया गया था। जिनको 1 अगस्त से अपनी सेवाएं सिगमा इन्फोटिन के अंडर में देना थी। जहां एक ओर यश गोविंद कंपनी ने 1 जुलाई से नया ठेका हाऊसकीपिंग का संभाल लिया। वहीं सिगमा इन्फोटिन कंपनी ने ठैका संभालने से इंकार करते हुए अपने हाथ ऊंचे कर दिये।

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