पुस्तक मेले में वैदिक गणित के टिप्स जानकर बच्चों ने चुटकी में गुणा-भाग करके दिखाया

दिल्ली से आए ट्रेनर ने बच्चों टिप्स बताए और वे हल करने लगे कठिन सवाल

उज्जैन (राजेश रावत)। वैदिक गणित की टैक्निक का इस्तेमाल करके बच्चे चुटकी में गुणा भाग करके मौके पर ही बता रहे थे। यह संभव हो पाया उज्जैन पुस्तक मेले में वैदिक गणित के ट्रेनर विवेक कुमार के टिप्स का अनुसरण करने की वजह से। दरअसल उज्जैन में नेशनल पुस्तक न्यास ने छह दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला लगाया है। इस मेले में देश भर के 30 से ज्यादा पुस्तक विक्रेता शिरकत कर रहे हैं।

पुस्तक मेले में आए ट्रेनर विवेक कुमार का कहना है कि वे बिहार के रहने वाले हैं। पिछले 20 साल से दिल्ली में रह हैं और बच्चों को वैदिक गणित के टिप्स बताकर उनकी गणित में होने वाली छोटी-छोटी गलतियों को दूर करने में मदद कर रहे हैं। यह टिप्स हमारे वैदिक ग्रंथों से ली गई है। केवल इन्हें जनमानस के बीच पहुंचाने से बच्चों में गणित का डर दूर हो जाता है और वे बगैर पेन कागज के इन टिप्स का इस्तेमाल करके गणित के गुणा-भाग आदि कर सकते हैं।

उन्होंने मंच से ही बच्चों को टिप्स बताए और बच्चों से कठिन सवालों को हल करवाया। उनके टिप्स से कई स्कूलों के टीचर ने भी सवाल हर किए और विवेक कुमार का लोहा मान लिया।

उज्जैन के चौबे 32 किताबों के साथ पहुंचे

पुस्तक मेले में उज्जैन के पंडित गिरीश चौबे भी अपनी लिखी 32 पुस्तकें की श्रंृखला लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि वे कर्मिशियल टैक्स विभाग में इंस्पेक्टर के पद से भर्ती हुए थे। 2009 से किताबें लिख रहे हैं। अब तक वे कुल 32 किताबें लिख चुके हैं। मुस्तक मेले में स्टॉल लगाकर लोगों को प्राचीन ऋषि कुल की परंपरा की पुस्तकों से लोगों में आध्यत्म की लौ जगाने की कोशिश कर रहे हैं।

उनका कहना है कि कोविड ने लोगों को आत्म चिंतन के लिए प्रेरित किया है। लंबे समय से इसी पर विषय पर मनन और चिंतन कर रहे हैं। उनकी पुस्तक आत्मानुभूति, क्रीडा विलास, युग परिवर्तन, वेदवाणी का रहस्य आदि पुस्तक मेले में लोगों को पसंद आ रही हैं।

पंजाब से आई अहमदिया मुस्लिम जमात की किताबे भी

पुस्तक मेले में पंजाब से अहमदिया मुस्लिम जमात की पुस्तकें भी आई हैं। यह शाबिर ने बताया कि जमात का उद्देश्य इस्लाम धर्म की संदर शिक्षा को स्पष्ट रुप से संसार में प्रस्तुत करने के लिए किया गया है और जनसामान्य को यह समझाना है कि इस्लाम धर्म अमन और शांति का धर्म है। उन्होंने बताया कि पुस्तक मेले में तृतीय विश्व युद्ध के संबंध में इमाम जमाअत अहमदिया की चेतावनी से अवगत भी आम लोगों को कराया जा रहा है कि राजनीतिक और आर्थिक समस्याओं ने युद्ध पर लोगों को विवश कर दिया था।

इन दिनों को द्वितीय विश्व युद्ध के ठीक पूर्व युग के समाज बताया जा रहा है। आईएस जैसे तथाकथित संगठन और षंडयंत्र ये सब स्पष्ट तौर पर बता रहे हैं कि परिस्थितियां और घटनाएं विश्व को असाधारण तीव्रता के साथ एक भयानक तृतीय विश्व युद्ध के ओर धकेल रहे हैं।

सस्ता साहित्य मंडल लेकर आया नेहरू, गांधी की पुस्तकें

पुस्तक मेले में सस्ता साहित्य मंडल प्रकाशन अपनी सौ से ज्यादा किताबें लेकर आया है। संस्था के महेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि 1925 में देश में आम लोगों को साहित्य के माध्यम से जागरुक और अच्छी किताबें पढऩे के लिए उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संस्था की स्थापना महात्मा गांधी, जमनालाल बजाज और घनश्याम दास बिरला ने की थी। बाद में इसमें नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद आदि जुड़ गए थे।

अस समय एक दर्जन से ज्यादा नामी लेखकों और विचारकों की पुस्तकें स्टॉल पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि उनकी स्टॉल से नेहरू की भारत एक खोज जैसी किताबें ज्यादा पसंद की जाती है। संस्था पुस्तकें डाक से मंगाने पर भी पाठकों और साहित्यकारों को उपलब्ध कराता है। इसके लिए संस्था के नियम बने हुए हैं।

Next Post

हिंदू संगठन के विरोध व वायरल वीडियो के बाद शहर काजी के विरुद्ध बढ़ाई धाराएं

Sat Sep 2 , 2023
शहर काजी पर धारा बढ़ाने को लेकर हिंदू संगठन ने किया था चक्काजाम देवास, अग्निपथ। शहर की सिल्वर कॉलोनी में गुरुवार को महिला का चेहरा दिखाने संबंधी अभद्र कमेंट के मामले में आरोपियों द्वारा शहर काजी अब्दुल कलाम से अभद्रता और फिर आरोपियों की जगह अन्य लोगों की पिटाई करने […]